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बच्‍चे को टाइप 2 डाय‍ब‍िटीज के खतरे से बचाने के ल‍िए पैरेंट्स को इनके बारे में जानना चाहिए-

टाइप 2 डायब‍िटीज ऐसी स्‍थ‍ित‍ि है ज‍िसमें शरीर में इंसुल‍िन का उत्‍पादन होता है लेक‍िन वो या तो कम होता है या शरीर की कोश‍िकाएं, इंसुल‍िन को सही तरह से बनने नहीं देती हैं। ये बीमारी बच्‍चों को भी हो सकती है। बच्‍चों में टाइप 2 डायब‍िटीज के लक्षण धीरे-धीरे व‍िकस‍ित होते हैं। टाइप 2 डायब‍िटीज बच्‍चे की इम्‍यून‍िटी कमजोर कर देता है ज‍िससे बच्‍चा बीमारी से लड़ पाने में खुद को असक्षम महसूस करता है। टाइप 2 डायब‍िटीज के पीछे कुछ गलत‍ियां हो सकती हैं ज‍िसे माता-प‍िता को दूर करना चाह‍िए। ये बच्‍चे की खराब लाइफस्‍टाइल से जुड़ी गलति‍यां हो सकती हैं ज‍िनके बारे में हम आगे बात करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की। 

1. बच्‍चों का कसरत न करना 

कसरत की कमी के कारण बच्‍चे टाइप 2 डायब‍िटीज का श‍िकार हो जाते हैं। बचपन में पढ़ाई को अहम‍ियत देने के चक्‍कर बच्‍चे खेलना-कूदना छोड़ देते हैं और मोटापे का श‍िकार हो जाते हैं। शरीर में फैट बढ़ने के कारण ही डायब‍िटी का खतरा भी बढ़ता है इसल‍िए बच्‍चों का एक्‍ट‍िव रहना जरूरी है। अगर बच्‍चा पहले से ही मोटापे का श‍िकार है, तो रन‍िंग, साइक‍िल चलाने, बॉस्‍केटबॉल खेलने जैसे सपोर्ट्स के प्रत‍ि उसकी रूच‍ि बढ़ाएं।

2. खेल के ल‍िए समय न न‍िकालना 

टाइप 2 डायब‍िटीज से बचने के ल‍िए बच्‍चे का एक्‍ट‍िव रहना जरूरी है। आजकल बच्‍चे केवल वीड‍ियो गेम्‍स खेलना पसंद करते हैं। कारण है समय की कमी। बच्‍चों को स्‍क्रीन से दूर रखें और रोजाना 1 घंटा बाहर खेलने के ल‍िए प्रोत्‍साह‍ित करें। बाहर खेलने से बच्‍चों की इम्‍यून‍िटी बढ़ेगी, मेटाबॉल‍िज्‍म रेट अच्‍छा रहेगा और डायब‍िटीज का खतरा कम होगा। 

3. व‍िटाम‍िन डी का सेवन न करना 

टाइप 2 डायब‍िटीज से बचने के ल‍िए बच्‍चे के शरीर में व‍िटाम‍िन डी की पर्याप्‍त मात्रा होनी चाह‍िए। कई स्‍टडीज में ऐसा बताया गया है, क‍ि ज‍िन लोगों के शरीर में व‍िटाम‍िन डी की अच्‍छी मात्रा होती है, उन्‍हें डायबि‍टीज का खतरा कम होता है। शरीर में व‍िटाम‍िन डी की कमी पूरी करने के ल‍िए बच्‍चे को धूप में कुछ देर बैठने की सलाह दें और जरूरत महसूस होने पर डॉक्‍टर की सलाह पर व‍िटाम‍िन डी सप्‍लीमेंट भी दे सकते हैं।

4. जंक फूड का ज्‍यादा सेवन करना 

बच्‍चों में टाइप 2 डायब‍िटीज के खतरे को कम करने के ल‍िए उसे जंक फूड से बचाएं। बच्‍चे जंक फूड का सेवन ज्‍यादा करते हैं, इससे वो मोटापे की चपेट में आ जाते हैं। बच्‍चे की डाइट में ज्‍यादा से ज्‍यादा ताजे फल और सब्‍ज‍ियों को शाम‍िल करें। डायब‍िटीज के खतरे से बचाने के ल‍िए बच्‍चे की थाली के 60 प्रत‍िशत ह‍िस्‍से में ताजे मौसमी फल और सब्‍ज‍ि‍यों को शाम‍िल करें और बाक‍ि ह‍िस्‍से में प्रोटीन, कॉर्ब्स, हेल्‍दी फैट्स की सही मात्रा होनी चाह‍िए।   

5. ज्‍यादा मात्रा में खा लेना 

पोर्शन साइज कंट्रोल करके टाइप 2 डायब‍िटीज के खतरे से बच्‍चे को बचा सकते हैं। पोर्शन साइज कंट्रोल करने के ल‍िए बच्‍चे के खाने की मात्रा कम करें। उसे एक साथ प्‍लेट भरकर खाना देने के बजाय थोड़ी मात्रा में खाना दें। ध्‍यान रखें क‍ि अपनी क्षमता से ज्‍यादा खा लेने के कारण बच्‍चा डायब‍िटीज का श‍िकार हो सकता है। उसकी प्‍लेट में फाइबर, प्रोटीन, होल ग्रेन्‍स आद‍ि शाम‍िल करें।  

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