अकादमिक वर्ष 2021-22 में इंजीनियरिंग कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज की 33.6 प्रतिशत सीटें खाली रह गईं। शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने हाल ही में राज्यसभी में यह जानकारी दी। मंत्री ने उस प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी जिसमें पूछा गया था कि पिछले पांच सालों में बीटेक इंजीनियरिंग कॉलेजों में कितनी सीटें भर नहीं सकीं। प्रश्न के उत्तर में सरकार ने कहा, ‘इंजीनियरिंग संस्थानों में सीटों का भरना डिमांड और सप्लाई की स्थिति पर निर्भर है जो इंस्टीट्यूट के स्थान, शैक्षणिक और बुनियादी सुविधाओं और प्लेसमेंट के अवसरों पर निर्भर है।”

मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में बीटेक की 33.6 फीसदी सीटें खाली रहीं। 2021-22 में बीटेक की 12,53,337 सीटें स्वीकृत थीं जिसमें से 4 लाख से अधिक सीटें खाली रह गईं। हर साल लगभग 8 लाख अभ्यर्थी इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई मेन) देते हैं। अकादमिक वर्ष 2020-21 में 44 फीसदी और 2019-21 में 44.2 फीसदी सीटें खाली रह गई थीं।
पिछले पांच वर्षों में इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए स्वीकृत सीटों की कुल संख्या भी धीरे-धीरे कम हो रही है।
पिछले 5 वर्षों में बीटेक की खाली रह गईं सीटें
वर्ष    स्वीकृत सीटों की संख्या    खाली सीटें
2017-18     14,65,873          7,22,112
2018-19     13,95,345            6,78,932
2019-20     13,28,247             5,87,314
2020-21  12,86,545              5,66,538
2021-22     12,53,337          4,21,203
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