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कर्नाटक में कांग्रेस संगठन का ढांचा और नेतृत्व मजबूत, पढ़ें पूरी ख़बर …

हिमाचल प्रदेश की जीत से मिली संजीवनी से उत्साहित कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव में भाजपा की सत्ता को गंभीर चुनौती देने की ताल ठोकते हुए सूबे की बसवराज बोम्मई सरकार के खिलाफ 30 दिसंबर से 75 दिनों के व्यापक आंदोलन और रचनात्मक कार्यक्रमों की घोषणा की है। इस क्रम में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के असर को भांपते हुए पार्टी ने इसी तर्ज पर कर्नाटक के सभी 224 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा निकालने का फैसला किया है।

खरगे की अध्यक्षता में हुई बैठक

इस यात्रा में कांग्रेस 40 प्रतिशत कमीशन वाली बोम्मई सरकार को चुनाव में उखाड़ फेंकने का संकल्प जाहिर करेगी। कर्नाटक चुनाव में जोर-शोर से जुटने के इस इरादे के साथ ही कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद के लिए नेता विपक्ष सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच किसी तरह के टकराव की बात को भी खारिज कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में पार्टी मुख्यालय में कर्नाटक के तमाम वरिष्ठ नेताओं की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।

कांग्रेस के लिए हिमाचल की जीत

इसमें सिद्धरमैया, शिवकुमार के अलावा राज्य विधान परिषद में नेता विपक्ष बीके हरिप्रसाद और कर्नाटक के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला प्रमुख रूप से शामिल थे। हिमाचल की जीत कांग्रेस के सियासी मनोबल के लिए जहां टॉनिक है वहीं गुजरात की हार लचर चुनावी रणनीति को लेकर गंभीर अलर्ट। कर्नाटक में कांग्रेस संगठन का ढांचा और नेतृत्व मजबूत है, ऐसे में कारगर रणनीति चुनाव में पार्टी को सफलता दिला सकती है और जाहिर तौर पर कांग्रेस इस बड़े सूबे में सत्ता की बाजी हाथ से फिसलने नहीं देना चाहती।

रणदीप सुरजेवाला ने बैठक के बाद पत्रकारों से की बातचीत

मल्लिकार्जुन खरगे ने इसके मद्देनजर ही पिछले 15 दिनों में सूबे के वरिष्ठ नेताओं, सांसदों, विधायकों के अलावा जिला व प्रांत स्तर के प्रमुख नेताओं के साथ बैठकें कर चर्चा की है। इन चर्चाओं के बाद ही सूबे के शीर्ष नेताओं की एआइसीसी में सोमवार को बैठक हुई और पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा का एलान किया गया। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इसमें 2023 चुनाव की तैयारियों की समीक्षा हुई और 40 प्रतिशत की भ्रष्ट बोम्मई सरकार के खिलाफ आंदोलन के साथ पार्टी के रचनात्मक कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई।

पार्टी ने तय किया है कि विधानसभा सत्र के दौरान भी इन मुद्दों को उठाते हुए हम बीजापुर में 30 दिसंबर को एक बड़ी रैली करेंगे। दो जनवरी को महादेई नदी को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार के सौतेले रूख के खिलाफ हुबली में सभा होगी। कर्नाटक और केंद्र की भाजपा सरकार ने एससी-एसटी समुदाय के साथ जो विश्वासघात किया है उसको लेकर आठ जनवरी को चित्रदुर्ग में एससी-एसटी रैली कर भविष्य का रोडमैप देंगे। पिछड़े वर्ग के लिए भी एक बड़ा सम्मेलन होगा।

भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर सभी 224 विधानसभा सीटों पर यात्रा निकालेगी

जनवरी महीने में ही जिला और प्रांतीय स्तर की यात्रा निकलेगी जो 50 दिनों में कर्नाटक के सभी 224 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगी इसमें बोम्मई की भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया जाएगा। कर्नाटक की इन चुनावी तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच टकराव से जुड़े सवाल पर सुरजेवाला ने इन दोनों की मौजूदगी में इसे खारिज करते हुए कहा कि हमारे दोनों नेताओं ने पहले ही कह दिया है कि सबसे पहले कर्नाटक को भाजपा से मुक्त किया जाएगा। कांग्रेस में पद के लिए कोई जंग नहीं है।

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