चार वर्षीय स्नातक पाठॺक्रम की शुरुआत के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सोमवार को इसका ऐलान करेगा। इसके तहत हर वर्ष के लिए संशोधित क्रेडिट सिस्टम लागू होगा। चार वर्ष में 160 क्रेडिट हासिल करने पर ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी। आयोग के चेयरमैन जगदीश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में सिफारिश है कि उच्च शिक्षा के तहत किसी छात्र की गहन स्तर पर रुचि विकसित करने के साथ उसे एक या अधिक विशिष्ट क्षेत्रों के अध्ययन में सक्षम बनाना चाहिए। उसकी विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी, भाषा सहित कई विषयों में क्षमता विकसित करनी चाहिए। चार वर्षीय पाठ्यक्रम इसी के अनुरूप तैयार किया गया है।

कुमार के अनुसार, मौजूदा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को इनोवेशन और लचीलेपन के साथ संशोधित किया गया है। मौजूदा सीबीसीएस विभिन्न विषय चुनने की अनुमति देता है, लेकिन इसमें बहु/अंतर-अनुशासनात्मक विकल्प का अभाव है। यूजीसी चेयरमैन ने कहा, सीबीसीएस को संशोधित करने के लिए यूजीसी ने ‘करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क’ विकसित किया है। इसके तहत तीन साल के पाठ्यक्रम के लिए न्यूनतम 120 क्रेडिट,चार वर्ष में 160 क्रेडिट का सुझाव देता है।
स्नातक में शोध का विकल्प
चार साल की डिग्री पूरी करने वाले छात्रों को ऑनर्स डिग्री मिलेगी। जो छात्र पहले छह सेमेस्टर में 75 फीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त करते हैं और स्नातक स्तर पर शोध करना चाहते हैं, वे चौथे वर्ष में शोध विषय भी चुन सकते हैं। उन्हें स्नातक (ऑनर्स विद रिसर्च) की डिग्री मिलेगी।
मौजूदा छात्र भी चुन सकेंगे
यह भी प्रावधान किया गया है कि जो छात्र पहले से मौजूदा सीबीसीएस के अनुसार, तीन वर्ष के स्तानक पाठ्यक्रम में नामांकित हैं, वे भी चार साल के डिग्री प्रोग्राम के लिए पात्र होंगे। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को ऐसे छात्रों के लिए विशेष ब्रिज कोर्स तैयार करने की अनुमति दी है।
GDS Times | Hindi News Latest News & information Portal