मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि अब गरीब के बेटा-बेटी भी बेहतर शिक्षा के हकदार होंगे और अपने सपनों को साकार करेंगे। इसके लिए राज्य के सरकारी स्कूलों को अपग्रेड कर निजी से भी बेहतर बनाया जा रहा है। उन्होंने उक्त बातें रविवार को लुकइयाटांड़ में शहीद मास्टर सोबरन मांझी के शहादत दिवस पर रविवार को दुमका, पलामू और गढ़वा स्थित नवनिर्मित स्कूल ऑफ एक्सिलेंस स्कूलों का उद्घाटन करते हुए कही। इस मौके पर सीएम ने शहीद सोबरन मांझी की प्रतिमा का भी अनावरण किया। बता दें कि शहीद सोबरन मांझी मुख्यमंत्री के दादा थे।
दादाजी ने जुल्म के खिलाफ लड़कर शहादत दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके दादा शहीद सोबरन मांझी समाज में शिक्षा का अलख जगाते थे। यह महाजनी और सामंतवादी लोगों को पसंद नहीं आया था। उनके दादा ने महाजनी जुल्म के खिलाफ सघर्ष किया, तो उनकी निर्मम हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि शहीद सोबरन मांझी की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। सीएम ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने भी पिता की राह पर चलते हुए आदिवासी, दलित, शोषित, वंचित, गरीबों शोषण और अत्याचार के विरुद्ध गांव-गांव जाकर संघर्ष किया।
अब पदाधिकारी लोगों तक पहुंचकर काम करते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा झारखंड के प्रत्येक गांव-गांव, पंचायत-पंचायत में आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम चलाया गया है। पिछले 20 वर्षों में यहां के लोग प्रखंड कार्यालयों का चक्कर लगाते लगाते थक जाते थे। हमारी सरकार ने अब प्रखंड कार्यालयों में पदस्थापित पदाधिकारियों को आपके गांव-गांव, और द्वार-द्वार पर भेजने का काम कर दिखाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी समस्याओं का समाधान आपके गांव-घर में लगे शिविरों में ही हो यह हमारी प्राथमिकता में है।