देश की पहली प्राइवेट स्पेस कंपनी अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस का रॉकेट Vikram-S आज लॉन्च होने जा रहा है। अगर सबकुछ ठीक रहा, तो विक्रम-एस सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर लॉन्च हो जाएगा। हैदराबाद स्थित स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस को इससे पहले विक्रम-एस का प्रक्षेपण खराब मौसम की वजह से टालना पड़ा था।
आखिर क्यों रॉकेट को दिया गया Vikram S नाम
देश के पहले प्राइवेट स्पेस कंपनी का रॉकेट विक्रम-एस ISRO के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से उड़ान भरने को तैयार है। स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने बताया कि विक्रम-एस 3 पे-लोड के साथ पृथ्वी की सब-ऑर्बिटल कक्षा में छोटे सैटेलाइट्स को स्थापित करने के लिए भेजा जा रहा है। कंपनी ने बताया कि रॉकेट का नाम विक्रम-एस (Vikram-S) प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। कंपनी को विक्रम-एस से बेहद उम्मीदें हैं। इस पूरे मिशन को कंपनी ने ‘मिशन प्रारंभ’ नाम दिया गया है।
Vikram-S की सफल से खुलेंगे अंतरिक्ष की दुनिया के कई रास्ते!
विक्रम-एस की सफल से अंतरिक्ष की दुनिया के कई रास्ते खुलेंगे। विक्रम-एस से कई प्रयोग किए जा रहे हैं। यह एक सब-ऑर्बिटल उड़ान भरेगा। बताया जा रहा है कि यह सिंगल स्टेज का सब-ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल है और इसके साथ तीन कमर्शियल पेलोड्स भेजे जा रहे हैं। इस लॉन्चिंग में आम ईंधन के बजाय LNG यानी लिक्विड नेचुरल गैस और लिक्विड ऑक्सीजन (LoX) का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो किफायती होने के साथ-साथ प्रदूषण मुक्त भी है। Vikram-S का लॉन्च एक तरह की टेस्ट फ्लाइट होगी। अगर इसमें सफलता मिलती है, तो भारत प्राइवेट स्पेस कंपनी के रॉकेट लॉन्चिंग के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो जाएगा।
PM मोदी ने Vikram-S को बताया अंतरिक्ष में क्रांतिकारी बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विक्रम-एस को देश की अंतरिक्ष में उड़ान को क्रांतिकारी बदलाव करार दिया है। पीएम मोदी ने 30 अक्टूबर को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इसे लेकर कई बातें कही थी। उन्होंने कहा था कि निजी क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष के खुलने से कई युवा स्टार्ट-अप इस क्षेत्र में काम करना चाह रहे हैं।