आस्था का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा का होता है जो इस बार 30 अक्टूबर 2022 को है। जी हाँ और कार्तिक माह के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है। आपको बता दें कि चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में छठी मईया और सूर्यदेव की पूजा की जाती है। जी दरसल छठ एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें डूबते हुए सूरज की पूजा की जाती है। इसी के साथ छठ पूजा के दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र, सुख समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए 36 घंटों का निर्जला उपवास रखती है। इसी के साथ पूजा की साम्रगी और प्रसाद को भूलकर भी झूठा नहीं करना चाहिए। कहा जाता है ऐसा करने से छठी मईया नाराज होती है।

पहला दिन नहाए खाए- छठ पूजा की शुरुआत 28 अक्टूबर दिन शुक्रवार से हो जाएगी। जी हाँ और इस दिन महिलाएं नहाने के बाद घर की साफ- सफाई करती है। इसी के साथ इस दिन चूल्हे को अच्छी तरह साफ किया जाता है और रात के समय चने की दाल, लौकी की सब्जी और भात खाया जाता है।
दूसरा दिन खरना- इस दिन व्रती महिलाएं गुड़ की खीर बनाती है। जिसको रात में ग्रहण किया जाता है। खरना का मतलब है तन और मन का पवित्र होना। व्रती महिलाएं इस दिन पूजा का पूरा प्रसाद बनाती है।
तीसरा दिन छठ पूजा- इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं पूरे दिन छठी मईया के गीत गाती रहती है और सूर्यास्त के समय नदी व तालाब में खड़े होकर महिलाएं डूबते हुए सूरज को अर्ध्य देती है।
चौथा दिन सूर्योदय अर्ध्य- इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं उगते हुए सूर्य को नदी में खड़े होकर अर्ध्य देती है। इसी के साथ ही चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन होता है। इसके बाद व्रती महिलाएं व्रत का पारण करती है।
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