ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने भारत की हालिया घरेलू सीरीज में न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से मिली हार पर गंभीर टिप्पणी की है। उनका मानना है कि भारत ने शायद न्यूजीलैंड को हल्के में लिया, और यही अतिआत्मविश्वास उनकी हार का कारण बना। ब्रेट ली के अनुसार, भारतीय टीम ने मान लिया था कि वह किवीज़ को आसानी से हराएगी, और यही दृष्टिकोण उनकी रणनीति में बड़ी कमी साबित हुआ।
ली का कहना है कि भारत की यह हार केवल इसलिए नहीं हुई कि टीम न्यूजीलैंड को हल्के में ले रही थी, बल्कि बल्लेबाजों की आक्रामकता और गलत रणनीति भी इस हार का कारण रही। उन्होंने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि भारतीय बल्लेबाज न्यूजीलैंड के स्पिनर्स, जैसे मिचेल सैंटनर और एजाज़ पटेल के सामने टिक नहीं सके। इन दोनों बाएं हाथ के स्पिनर्स ने भारतीय बल्लेबाजों पर कड़ा प्रहार किया, जिससे बेंगलुरु में आठ विकेट और पुणे में 113 रनों की करारी हार हुई।
यहां एक बड़ी समस्या यह थी कि भारतीय बल्लेबाजों ने अपने घरेलू रिकॉर्ड और आत्मविश्वास के कारण संयम खो दिया और एक अत्यधिक आक्रामक शैली अपनाई। टीम का यह भरोसा कि वे घरेलू मैदान पर अजेय हैं, उनकी रणनीति में असावधानी का कारण बना। ली ने इस हार को भारतीय क्रिकेट के लिए एक सबक बताया और कहा कि यह टीम को उनकी कमजोरियों से अवगत कराने का एक अवसर है।
भारत ने जून में टी20 विश्व कप जीतने के बाद श्रीलंका और बांग्लादेश के खिलाफ कुछ बेहतरीन प्रदर्शन किए थे, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने 0-3 से हार भी झेली, जैसे कि लंका और अब न्यूजीलैंड के खिलाफ। ली ने कहा कि यह देखना चौंकाने वाला है कि एक समय की अजेय मानी जाने वाली भारतीय टीम संघर्ष कर रही है, लेकिन उन्होंने भारत की वापसी पर पूरा भरोसा जताया।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत पांच टेस्ट मैचों की सीरीज 22 नवंबर को पर्थ में शुरू होगी, और भारत के पास ऑस्ट्रेलिया को मात देने का अवसर है। ली ने उम्मीद जताई कि इस हार के बाद टीम भारत ने अपनी तैयारियों में बदलाव किया होगा और वे आत्मविश्वास से भरे हुए होंगे। उन्होंने कहा, “यह सीखने का एक बेहतरीन अवसर है। मुझे यकीन है कि इस हार के बाद, भारत अपनी ताकत के साथ मैदान में उतरेगा।”