दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते ही सोमवार को आतिशी ने अपने पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल की तुलना भगवान राम से की और उनके सिंहासन के बगल में एक खाली कुर्सी रखी। उन्होंने कहा कि वह अगले चार महीने तक सरकार वैसे ही चलाएंगी, जैसे भरत ने भगवान राम के वनवास के दौरान उनकी खड़ाऊं सिंहासन पर रखकर 14 वर्षों तक अयोध्या का शासन संभाला था।
आतिशी ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है… मेरे दिल में वही पीड़ा है जो भरत को तब हुई थी जब भगवान राम 14 वर्षों के लिए अयोध्या से वनवास पर गए थे। भरत ने भगवान राम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन चलाया था, वैसे ही मैं अगले चार महीने तक दिल्ली सरकार चलाऊंगी।”
दिल्ली विधानसभा चुनाव में पांच महीने से भी कम समय बचा है, और यह पहला मौका नहीं है जब आम आदमी पार्टी (आप) ने राम और रामायण के उदाहरणों का इस्तेमाल किया हो। इससे पहले भी पार्टी ने अपने नेतृत्व और सरकार की तुलना रामायण से की है। इस साल के शुरू में दिल्ली सरकार के बजट को ‘राम राज्य बजट’ कहा गया था।
आप और इसके विधायक अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन से पहले हर मंगलवार को ‘सुंदरकांड’ और ‘हनुमान चालीसा’ के कार्यक्रम आयोजित करते रहे हैं। पिछले हफ्ते जब अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, तो उन्होंने सीता की ‘अग्निपरीक्षा’ का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था, “जब भगवान राम वनवास से लौटे थे, तो सीता माता को अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी। आज मैं भी अग्निपरीक्षा देने जा रहा हूं।”
रविवार को, आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने जनता की अदालत कार्यक्रम में अपनी तुलना लक्ष्मण से की थी। उन्होंने कहा, “भाजपा ने मुझे तोड़ने और केजरीवाल से अलग करने की कोशिश की… जब उन्हें पता चला कि मैं 26 साल की दोस्ती को नहीं तोड़ूंगा, तो उन्होंने मुझे 18 महीने जेल में रखा… केजरीवाल रावण जैसे तानाशाही के खिलाफ लड़ते रहेंगे, और मैं लक्ष्मण की तरह उनके साथ रहूंगा।”
मार्च 2023 में, जब आतिशी ने दिल्ली का बजट पेश किया था, तब उन्होंने अपनी 90 मिनट की स्पीच में करीब 40 बार राम और राम राज्य का उल्लेख किया था। इसके बाद आप ने ‘केजरीवाल का राम राज्य’ सोशल मीडिया अभियान भी चलाया, जिसमें 2024-25 के बजट की प्रमुख बातें और योजनाएं शामिल थीं।
2021 में आप सरकार ने दिवाली के मौके पर थ्यागराज स्टेडियम में 30 फुट ऊंचे अयोध्या राम मंदिर की प्रतिकृति का निर्माण कराया था। इसी साल सरकार ने अपने तीर्थ यात्रा कार्यक्रम में अयोध्या को भी शामिल किया, जिसमें अब तक 87,000 से अधिक लोग भाग ले चुके हैं।
आप के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, “इस प्रयास का उद्देश्य मध्यम वर्ग और उन मतदाताओं को आकर्षित करना है जो भाजपा के कोर वोटर नहीं हैं, लेकिन हिन्दू संस्कृति और भावनाओं से प्रभावित होते हैं।”