लखनऊ में एक रेस्टोरेंट के तीन कर्मचारियों ने वेतन में एक दिन की देरी से नाराज होकर मैनेजर का अपहरण कर लिया और रातभर बंधक बनाकर उसे पीटा। मामला पुलिस के पास पहुंचा तो आरोपी महिला ने अपहरण की बात को झूठा बताया, लेकिन जांच के बाद सच सामने आया। पुलिस ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनके पास से एक तमंचा भी मिला।
इंदिरानगर के सेक्टर-18 निवासी संतोष कुमार का तकरोही अंबेडकर चौराहे के पास दी होस्ट नाम का रेस्टोरेंट है। यहां सीतापुर के रेऊसा निवासी विनय दीक्षित मैनेजर हैं। बुधवार दोपहर, रेस्टोरेंट के तीन कर्मचारी – रामू गुप्ता, सुनील, लक्ष्मी नारायण, उसकी पत्नी बबली, और दो अज्ञात युवक – बाइकों से रेस्टोरेंट पहुंचे। वेतन में देरी की जानकारी पर मैनेजर ने बताया कि बैंक के सर्वर में समस्या आ रही है। इस पर सभी आरोपी विनय को बाइक पर बिठाकर चिनहट के हरदासीखेड़ा में एक झोपड़ी में ले गए और वहां उसकी पिटाई की।
रेस्टोरेंट मालिक संतोष कुमार ने बृहस्पतिवार को इंदिरानगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। शुक्रवार सुबह, आरोपी बबली विनय को लेकर तकरोही पुलिस चौकी पहुंच गई और कहा कि विनय का अपहरण नहीं हुआ। पुलिस ने विनय से बात की, तो उसने अपहरण की बात सही पाई। CCTV फुटेज की जांच से मामला स्पष्ट हुआ।
डरे हुए विनय ने पुलिस को बताया कि आरोपी उसे असलहे के बल पर झूठा बयान देने के लिए मजबूर कर रहे थे। पुलिस ने बबली, उसके पति लक्ष्मी नारायण, और अन्य आरोपियों – रामू गुप्ता, विवेक यादव, और सुनील – को गिरफ्तार कर लिया। वे सभी सीतापुर के विभिन्न गांवों के निवासी हैं।
रेस्टोरेंट मालिक ने बताया कि हर महीने की 10 तारीख को वेतन दिया जाता था, लेकिन इस बार एक दिन की देरी हो गई थी। लक्ष्मी नारायण ने यह बात पत्नी बबली को बताई, जिसने अपने पड़ोसी सोनू से मदद मांगी। सोनू ने कहा कि वेतन नहीं मिलने पर मैनेजर को उठा लाएंगे।
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