बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में परेड की सलामी लेने के पश्चात् 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन किया।
इस अवसर पर प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 78वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर, मैं समस्त बिहारवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं। आज का दिन हम सभी भारतवासियों के लिए गौरव का दिन है। राष्ट्रभक्तों के साहस, त्याग एवं बलिदान के फलस्वरूप 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। आज के दिन हम उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी, उनके उच्च आदर्श आज भी हम सबों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। मैं उन वीर जवानों को भी नमन करता हूँ, जो बहादुरी से देश की सरहदों की सुरक्षा कर रहे हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। देश की रक्षा करने वाले भारतीय सेना का हम अभिनन्दन करते हैं। इतिहास इस बात का गवाह है कि बिहार ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई। बिहार के लोगों ने हमेशा राष्ट्रनिर्माण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है और देश के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में जबसे हमलोगों को काम करने का मौका मिला है तबसे राज्य में कानून का राज है। राज्य में कानून का राज बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार द्वारा अपराध नियंत्रण एवं विधि-व्यवस्था संधारण के लिए सभी आयामों पर योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। वर्ष 2005 में जब हमारी सरकार बनी तो पता चला कि बिहार में पुलिस बल की संख्या मात्र 42 हजार 481 है, जो जरूरत के हिसाब से बहुत कम थी, इसलिए उसी समय पुलिस की संख्या को बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए नए पदों का सृजन किया गया और पुलिस में बहाली की गई। अब पुलिस बल की संख्या बढ़कर 1 लाख 10 हजार हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में हमने सुझाव दिया कि हमारी जरूरतों के हिसाब से पुलिस की संख्या को और बढ़ाया जाए। तब पदों की संख्या को बढ़ाकर 2 लाख 27 हजार तय किया गया है और बहाली का काम भी शुरू हो गया है। इसी अगस्त माह में पुलिस के 21 हजार पदों के लिए परीक्षा आयोजित हो रही है।
उम्मीद है कि इस साल और अगले साल में पुलिस के सभी पदों पर बहाली पूरी कर ली जाएगी। पुलिस के लिए वाहन एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि विधि-व्यवस्था संधारण तथा अनुसंधान में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
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