भारत के 78वें स्वतंत्रता के मौके पर देश के रक्षा क्षेत्र से बड़ी खबर सामने आई है। नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (एनएएल) ने खुलासा किया कि वह शक्तिशाली स्वदेशी कामिकेज ड्रोन बना रही है। यह स्वदेशी इंजन वाले मानव रहित हवाई वाहन हैं। स्वदेशी कामिकेज ड्रोन की 1000 किलोमीटर तक उड़ान भरने की क्षमता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में हो रहा इस तरह के ड्रोन का उपयोग
इस तरह को व्यापक रूप से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में इजराइल-हमास संघर्ष में उपयोग किया गया है। इन मानव रहित हवाई वाहनों का उपयोग यूक्रेनियन द्वारा रूसी पैदल सेना और बख्तरबंद वाहनों को हमला करने के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है।
कामिकेज ड्रोन की ये है खासियत
ड्रोन की खासियत है कि वे लंबे समय तक सामान्य क्षेत्र में घूमते रहते हैं, विस्फोटक ले जाने में सक्षम हैं और दूर बैठे मानव नियंत्रक द्वारा आदेश दिए जाने पर लक्ष्य को भेद सकते हैं। इन ड्रोनों की खास बात है कि इनको झुंडों में भेजा जा सकता है, यानी कई ड्रोन और रडार और दुश्मन की रक्षा पर हमला करके दुश्मन के प्रतिष्ठानों पर हमला किया जा सकता है।
शोध का नेतृत्व कर रहे नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज के निदेशक डॉ. अभय पाशिलकर ने कहा कि भारत पूरी क्षमता के साथ इस तरह के स्वदेशी कामिकेज ड्रोन विकसित कर रहा है, वे 21वीं सदी के नए युग की युद्ध मशीन हैं जो गेम-चेंजिंग हैं।