सुप्रीम कोर्ट सोमवार को 14 वर्षीय कथित दुष्कर्म पीड़िता की 28 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत की वेबसाइट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ सोमवार को पहले मामले पर सुनवाई करेगी।
इससे पहले, 19 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने पीड़िता की मां द्वारा दायर याचिका पर उसकी मेडिकल जांच का आदेश दिया था। दरअसल, बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में पीड़िता को गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इस फैसले को मां ने सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी थी। बता दें कि मुंबई के सायन अस्पताल से लड़की की संभावित शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी गई थी।
28 सप्ताह की गर्भवती है नाबालिग
पीठ ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को मेडिकल बोर्ड का गठन करने और उसकी रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख 22 अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में पेश वकील ने कहा कि नाबालिग 28 सप्ताह की गर्भवती है और फिलहाल मुंबई में है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने मामले में सरकार का प्रतिनिधित्व किया।
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) अधिनियम के तहत, गर्भावस्था को समाप्त करने की ऊपरी सीमा विवाहित महिलाओं के साथ-साथ विशेष श्रेणियों की महिलाओं के लिए 24 सप्ताह है, जिनमें दुष्कर्म पीड़िताएं और अन्य कमजोर महिलाएं, जैसे कि विकलांग और नाबालिग शामिल हैं।
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