Sunday , April 28 2024

हरियाणा : इसी सप्ताह शिक्षा अधिकारी करेंगे निजी स्कूलों पर कार्रवाई

हरियाणा में गैर मान्यता और अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों पर शिक्षा विभाग का शिकंजा कस रहा है तो वहीं प्ले स्कूलों की भी बाढ़ सी आ गई है। रिहायशी मकानों और इलाकों में प्ले स्कूल खुल गए हैं, जिनके संबंध में मान्यता व छोटे बच्चों की सुरक्षा के मानक भी दांव पर लगे हैं।

चुनावी माहौल में शिक्षा विभाग गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर चुका है। मंगलवार को डीईओ ने सभी बीईओ की विशेष बैठक बुलाई। इसमें सभी बीईओ को अपने खंड के अधीन चल रहे गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता वाले निजी स्कूलों की सूची दो दिन के अंदर सार्वजनिक किए जाने के सख्त निर्देश दिए।

बैठक में डीईओ नरेश महता ने कहा कि जिले के सभी खंड भिवानी, तोशाम, लोहारू, बहल, सिवानी, बवानीखेड़ा, कैरू के अधीन चल रहे सभी गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की सूची को सार्वजनिक करें। इसके लिए अखबारों में भी ये सूची प्रकाशित कराई जाएं। वहीं खंड स्तर के बाद जिला स्तर पर सभी सात खंडों की एक सामूहिक सूची तैयार होगी, जिसे डीईओ इसी सप्ताह सार्वजनिक करेंगे।

दरअसल, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की जनहित याचिका में हरियाणा सरकार की तरफ से शपथ पत्र दिए जाने के बाद से ही गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों के अस्तित्व पर संकट छा गया है। ऐसे स्कूलों में अब एक अप्रैल से बच्चों के दाखिला पर भी सख्त मनाही है। वहीं नए शिक्षा सत्र 2024-25 में अगर इन स्कूलों के अंदर बच्चों के दाखिला अभिभावक कराते हैं तो वे इसके लिए खुद जिम्मेदार होंगे। अभिभावकों को आगाह करने के लिए भी इन स्कूलों का सार्वजनिक किया जाना बेहद जरूरी हो गया है।

रिहायशी कॉलोनियों में धड़ल्ले से चल रहे प्ले स्कूल
गैर मान्यता और अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों पर शिक्षा विभाग का शिकंजा कस रहा है तो वहीं प्ले स्कूलों की भी बाढ़ सी आ गई है। रिहायशी मकानों और इलाकों में प्ले स्कूल खुल गए हैं, जिनके संबंध में मान्यता व छोटे बच्चों की सुरक्षा के मानक भी दांव पर लगे हैं। प्ले स्कूल खोलने से पहले महिला एवं बाल विकास विभाग से अनुमति अनिवार्य है और इसके लिए जिला दमकल विभाग से भी फायर एनओसी जरूरी की गई है। इसी तरह छोटे बच्चों के साथ अगर कोई हादसा होता है तो इस परिस्थिति में जिला प्रशासन व संबंधित विभाग भी जिम्मेदार होता है।

सभी बीईओ को अपने खंड के अधीन गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों की सूची दो दिन में सार्वजनिक किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद खंड स्तर की इन सूची की जिला स्तर पर एक सूची तैयार होगी, जिसे बाद में सार्वजनिक किया जाएगा। अभिभावकों से भी अनुरोध किया जा रहा है कि वे बच्चों का दाखिला कराने से पहले उसकी स्थायी मान्यता के संबंध में ईओ कार्यालय से जांच पड़ताल कराएं और फिर अपने बच्चे का दाखिला कराएं। -नरेश महता, डीईओ, भिवानी।

हमारे पास बच्चों के दाखिला न करने संबंधी शिक्षा विभाग के कोई आदेश नहीं मिले हैं। अगर विभाग जबरन स्कूलों को बंद कराता है तो इसके खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और धरातल पर भी अपने स्कूलों का अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ेंगे। सरकार सरासर गलत कर रही है। एक तरफ तो सरकार बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ शिक्षा के मंदिरों पर ताला जड़ने का तुगलकी फरमान सुना हजारों परिवारों से रोजगार और बच्चों को सड़क पर लाने का काम कर रही है।
– घनश्याम शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रदेश ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल संगठन।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com