लोगों ने अब कनाडा से तौबा करनी शुरू कर दी है। हालांकि पंजाबियों का सपना है कनाडा जाकर पी.आर. लेकर वहां सैटल होना। मगर पिछले कुछ दिनों में कनाडा में कुछ भी ठीक नहीं चलने से 6 माह में 42 हजार लोगों ने वहां की पी.आर. ही छोड़कर वतन वापसी कर ली है। भारत की हिट लिस्ट में शामिल आतंकी निज्जर के हत्या के बाद से कनाडा-भारत में तनातनी लंबी चली। इसी बीच चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए, जिनमें कनाडा की पी.आर. छोड़कर अपने वतन वापसी करने वालों में बड़ी संख्या भारतीय विशेष तौर पर पंजाबियों की है। इसके पीछे वहां बढ़ती महंगाई, बढ़ते किराए और अन्य कई कारण परेशानी का सबब बन चुके हैं।
अस्तित्व का संघर्ष बनता जा रहा कनाडा का सपना
कनाडा जाने और कुछ बड़ा करने का सपना अब अधिकांश अप्रवासियों के लिए आजीविका और अस्तित्व का संघर्ष बनता जा रहा है। एक तरफ कनाडा के बड़े शहरों में गैंगस्टरों का दबदबा बढ़ रहा है। बैंक ब्याज दरें और घरों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। इसके चलते वहां रिवर्स इमीग्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस साल के पहले 6 महीनों में 42 हजार लोगों ने कनाडा की स्थाई नागरिकता (पी.आर.) छोड़ दी है। 2022 में यह संख्या 93,818 थी। कनाडा सरकार के आव्रजन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2021 की शुरूआत में 85,927 लोगों ने कनाडा छोड़ा था, जिनमें बड़ी संख्या में पंजाबी थे।
कनाडा में तेजी से बढ़ा अपराध का ग्राफ
खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों और खतरनाक गैंगस्टरों को पनाह देने के कारण कनाडा में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। कनाडा में बिजनैसमैन एंडी डुंगा के शोरूम पर फिरौती के लिए फायरिंग, रिपुदमन सिंह की हत्या, आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या, सुक्खा दुनाके की हत्या, गिप्पी ग्रेवाल के घर पर फायरिंग जैसी घटनाओं ने वहां का माहौल खराब कर दिया है। पंजाब के ए श्रेणी के गैंगस्टरों में लखबीर सिंह लांडा, गोल्डी बराड़, रिंकू रंधावा, अर्शदीप सिंह, रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज, गुरपिंदर सिंह बाबा दल्ला जैसे अपराधी कनाडा में छिपे हुए हैं। कनाडा में ओटावा निवासी जसविंदर सिंह जस्सा का कहना है कि ट्रूडो सरकार में कई चीजें महंगी हो गई हैं। पहले बैंक ब्याज दर 1.5 फीसदी सालाना थी, जो आज 7.5 फीसदी तक पहुंच गई है।
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