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हमास-फलस्तीनी झंडे लहराते दिखे लोग,इजरायल की जेल से रिहा कैदियों पर जश्न मनाते लोग !

इजरायल  की जेल से रिहा हुए 15 युवा आंसू भरी आंखों से अपने परिवार वालों के कंधों पर सिर रखकर रो रहे थे। रात के समय आससान मिसाइलों की जगह आतिशबाजी से चमक रहा था। हर जगह देशभक्तिपूर्ण फलिस्तीनी पॉप संगीत बज रहे थे। रिहा किए गए लोगों में से कुछ को फलस्तीनी झंडे में लपटा देखा गया। वहीं अन्य को हमास के हरे झंडे में लपटा देखा गया।

तीन दर्जन से अधिक फलस्तीनियों कैदी शुक्रवार (24 नवंबर) को कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हीरो की तरह अपने घर लौटे है। इजरायल-हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते के तहत इजराइली जेलों से उनकी रिहाई की गई है।

इसमें कुछ छोटे अपराधों के आरोपियों और हमलों में दोषी ठहराए गए अन्य कैदी शामिल है। रिहा किए गए इन फलिस्तीनियों का जुलूस में मौजूद भारी भीड़ ने नारे लगाकर, ताली बजाकर , चिल्लाते और हाथ हिलाते हुए स्वागत किया।

इजरायल की जेल से रिहा हुए 15 युवा

इजरायल की जेल से रिहा हुए 15 युवा आंसू भरी आंखों से अपने परिवार वालों के कंधों पर सिर रखकर रो रहे थे। रात के समय आससान मिसाइलों की जगह आतिशबाजी से चमक रहा था। हर जगह देशभक्तिपूर्ण फलिस्तीनी पॉप संगीत बज रहे थे। रिहा किए गए लोगों में से कुछ को फलस्तीनी झंडे में लपटा देखा गया। वहीं, अन्य को हमास के हरे झंडे में लपटा देखा गया।

समाचार एजेंसी AP के मुताबिक, हाल ही में रिहा हुए 17 वर्षीय जमाल ब्रह्मा ने कहा, ‘मेरे पास कोई शब्द नहीं है, ऊपरवाले का शुक्र है।’ बता दें कि इजरायली बलों ने पिछले साल जमाल को फलिस्तीनी शहर जेरिको में उसके घर से गिरफ्तार किया था और बिना किसी आरोप या मुकदमे के हिरासत में लिया था।

24 नवंबर से शुरू हुआ संघर्ष विराम

शुक्रवार से चार दिवसीय संघर्ष विराम की शुरुआत हुई। इस दौरान इजरायली बंधकों और फलिस्तीनी कैदियों की शुरुआती अदला-बदली में गाजा ने 13 इजरायलियों सहित दो दर्जन बंधकों को कैद से रिहा किया। इसके कुछ ही घंटों बाद इजरायली जेलों से फलिस्तीनी कैदियों की रिहाई हुई।

समझौते के तहत, हमास को चार दिनों में कम से कम 50 बंधकों और इजरायल को 150 फलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना है। इजरायल ने कहा कि प्रत्येक अतिरिक्त 10 बंधकों की रिहाई के लिए संघर्ष विराम को एक अतिरिक्त दिन बढ़ाया जा सकता है।

फलिस्तीनी बंदियों में 24 महिलाएं

शुक्रवार को रिहा किए गए फलिस्तीनी बंदियों में 24 महिलाएं शामिल थीं, जिनमें से कुछ को इजरायली सुरक्षा बलों पर चाकू मारने और अन्य हमलों के प्रयास के लिए वर्षों की जेल की सजा सुनाई गई थी। इसमें 15 पुरुष किशोर भी थे, उनमें से अधिकांश पर पत्थर फेंकने और आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया गया था।

इजरायल का एकतरफा आदान-प्रदान पर सहमत होने का इतिहास रहा है। 2011 में, हमास ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से एक बंदी इजरायली सैनिक गिलाद शालित के बदले में 1,000 से अधिक फलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने के लिए कहा था। मानवाधिकार समूहों का अनुमान है कि 1967 में इजरायल द्वारा वेस्ट बैंक, गाजा और पूर्वी यरुशलम पर कब्जा करने के बाद से 750,000 से अधिक फलिस्तीनी इजरायली जेलों से गुजर चुके हैं।

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