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हार्ट प्रॉब्लम आज के समय में बहुत ही कॉमन हो चुकी है। क्या बूड़े-बूढ़े अब तो बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि अच्छी डाइट और लाइफस्टाइल से आप अपने हार्ट को हेल्दी रख सकते हैं लेकिन इसके अलावा समय-समय पर कुछ जांचें भी करवाते रहें अपने हार्ट की स्थिति जानने के लिए।

हार्ट फेलियर या हार्ट अटैक और स्ट्रोक के केस दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। ह्रदय से सम्बंधित ये बीमारियां शरीर के दो सबसे महत्वपूर्ण अंग हृदय या मस्तिष्क में खून के सामान्य प्रवाह में बाधा उत्पन्न होने के कारण होती हैं। रिसर्च के अनुसार, हार्ट की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को विशेष रूप से हीट इंजुरी से ग्रसित होने का ज्यादा खतरा होता है। आपको ह्रदय से सम्बंधित कोई बीमारी है या नहीं, इसे जानने में ये टेस्ट कर सकते हैं आपकी मदद।

1- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG/EKG)

इस टेस्ट में हृदय की लय का मूल्यांकन करने और ह्रदय में किसी भी समस्या का पता लगाने के लिए हृदय की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी (विद्युत गतिविधि) को मापा जाता है।

2- स्ट्रेस टेस्ट

इस टेस्ट को एक्सरसाइज टोलरेंस टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। इस टेस्ट में शारीरिक गतिविधि के दौरान आपका हृदय कितना अच्छा प्रदर्शन करता है, इसको मापा जाता है। यह टेस्ट स्ट्रेस (तनाव) के प्रति हृदय की प्रतिक्रिया का आकलन करने में मदद करता है और कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी बीमारियों का पता लगा सकता है।

3- इकोकार्डियोग्राम

इस टेस्ट में हृदय की संरचना और ह्रदय के कार्य की तस्वीरें बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। यह टेस्ट हृदय की पंपिंग क्षमता, वाल्व कार्य और सम्पूर्ण स्वास्थ्य के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है।

4- कार्डियक कैथीटेराइजेशन

यह एक आक्रामक प्रक्रिया है जिसमें एक पतली ट्यूब (कैथेटर) को ब्लड वेसेल्स (रक्त वाहिका) के माध्यम से हृदय तक पहुंचाया जाता है। यह टेस्ट रक्त प्रवाह को जांचने, हृदय के भीतर दबाव को मापने और किसी भी रुकावट या समस्या का पता लगाने में मदद करता है।

5- ब्लड टेस्ट

कई प्रकार के ब्लड टेस्ट हैं, जो ह्रदय से सम्बंधित बीमारियों के बारे में जानकारी दे सकते हैं। ब्लड टेस्ट में कोलेस्ट्रॉल लेवल, लिपिड प्रोफाइल और ट्रोपोनिन जैसे बायोमार्कर होते हैं, जो हृदय में किसी भी प्रकार के गड़बड़ी का संकेत देते हैं।

6- सीटी स्कैन या MRI

ये इमेजिंग टेस्ट हृदय की संरचना की विस्तृत तस्वीरें प्रदान कर सकते हैं, जिससे ह्रदय में किसी भी संरचनात्मक समस्या, रुकावट या क्षति का पता चलता है।

यह ध्यान देना जरूरी है कि कौन सा टेस्ट सही रहेगा यह व्यक्तिगत परिस्थितियों और किसी भी लक्षण या जोखिम फैक्टर्स की उपस्थिति के आधार पर अलग हो सकते हैं। आपको ह्रदय से सम्बंधित कौन सी बीमारी है, इसका पता लगाने के लिए आप किसी ह्रदय रोग विशेषज्ञ से मिलें, वे ही आपको बताएंगे कि आपके लिए कौन सा टेस्ट कराना सही रहेगा। 

(सिटी एक्सरे & स्कैन क्लीनिक की डायरेक्टर और फाउंडर, पैथोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉ सुनीता कपूर से बातचीत पर आधारित)

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