Saturday , May 18 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से समान नागरिक संहिता पर की टिप्पणी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से समान नागरिक संहिता पर टिप्पणी की है। पीएम मोदी की इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक बहस फिर से छिड़ गई है।

This image has an empty alt attribute; its file name is ghhv.jpg

वहीं अब इस बहस में मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता भारत के वास्तविक विचार के विपरीत है। भारत एक विविधतापूर्ण देश है और विविधता ही हमारी ताकत है। एक राजनीतिक दल के रूप में, हमें एहसास है कि पूरे पूर्वोत्तर में अनूठी संस्कृति है और हम चाहेंगे कि वह बनी रहे।

पीएम मोदी ने क्या कहा था? 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत दो कानूनों पर नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है। पीएम द्वारा दिए गए इस बयान से देश भर में ये मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है, क्योंकि विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी पर कई राज्यों में चुनाव नजदीक आने पर राजनीतिक लाभ के लिए UCC मुद्दा उठाने का आरोप लगाया है।

UCC क्या है?

Uniform Civil Code सभी धर्मों के लोगों के लिए व्यक्तिगत कानूनों को एक समान संहिता रखने का विचार है। व्यक्तिगत कानून में विरासत, विवाह, तलाक, चाइल्ड कस्टडी और गुजारा भत्ता जैसे कई पहलू शामिल हैं। हालांकि, वर्तमान में भारत के व्यक्तिगत कानून काफी जटिल और विविध हैं, प्रत्येक धर्म अपने विशिष्ट नियमों का पालन करता है।

भारतीय संविधान में UCC का प्रावधान

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के मुताबिक, ‘राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा।’ यानी संविधान सरकार को सभी समुदायों को उन मामलों पर एक साथ लाने का निर्देश दे रहा है, जो वर्तमान में उनसे संबंधित व्यक्तिगत कानूनों द्वारा शासित हैं। हालांकि, यह राज्य की नीति का एक निर्देशक सिद्धांत है, जिसका अर्थ है कि यह लागू करने योग्य नहीं है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com