हाउसिंग कोऑपरेटिव की अवैध बिक्री से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इंदौर के कारोबारी दिलीप सिसोदिया को गिरफ्तार किया है।

ईडी ने दीपक सिसोदिया उर्फ दीपक जैन मड्डा को तीन जून को गिरफ्तार किया था। एक विशेष पीएमएलए अदालत ने ईडी को दिलीप सिसोदिया की सात दिन की हिरासत दी है।
ईडी ने शुरू की जांच
ईडी ने इंदौर में दर्ज विभिन्न प्राथमिकियों के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी है। यह मामला सिसोदिया द्वारा अन्य बिल्डरों और डेवलपर्स की मिलीभगत से हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटीज की जमीनों की अवैध बिक्री और अन्य हस्तांतरण से संबंधित है।
पीएमएलए जांच से पता चला है कि विभिन्न आरोपी व्यक्तियों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर अवैध रूप से इंदौर में सहकारी समितियों से संबंधित भूमि के बड़े हिस्से को बेचा।
सोसायटियों से संबंधित भूमि को कम कीमत पर बेचा
सिसोदिया पर आरोप है कि उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के लिए लागू नियमों को दरकिनार कर दिया और सोसायटियों से संबंधित भूमि को कम कीमत पर बेच दिया। इन जमीनों की बाजार कीमत एक हजार करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है।
दिलीप सिसोदिया के परिसर की तलाशी
जानकारी के लिए बता दें कि हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटीज को अर्बन लैंड सीलिंग एक्ट की धारा 20 के तहत छूट दी गई थी। यहीं कारण है कि वे विभिन्न व्यक्तियों के लिए निर्धारित भू-जोत सीमा से अधिक भूमि का अधिग्रहण कर सकते थे।
ईडी की जांच में पता चला है कि दिलीप सिसोदिया ने इनमें से कुछ सोसायटियों में चुनावों में हेराफेरी करके पदाधिकारी के रूप में निर्वाचित होकर प्रवेश किया था। कई बार उन्होंने हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी में निर्णय लेने वाले पदों पर अपने ज्ञात व्यक्तियों को रखकर अप्रत्यक्ष रूप से निर्णय लिए। इससे पहले ईडी ने दिलीप सिसोदिया और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी ली थी। तलाशी में ईडी को 91.21 लाख रुपये नकद और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए थे।
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