चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने स्नातक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति कोर्स में प्रवेशित छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत दी है। छात्रों को अब परीक्षा फॉर्म में स्किल और माइनर कोर्स खुद नहीं भरने होंगे। प्रवेश पूरे होने के दस दिन बाद विवि पोर्टल खोल देगा और कॉलेज इन्हें दर्ज कराएंगे। परीक्षा फॉर्म भरते वक्त स्किल और माइनर कोर्स के नाम पहले से दर्ज रहेंगे। इससे पेपर चुनने में आ रही समस्या का समाधान होगा।

कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई परीक्षा समिति की बैठक में यह फैसला हुआ। विवि ने माइनर कोर्स के पढ़ने में राहत दी है। विवि प्रत्येक सेमेस्टर में माइनर कोर्स निर्धारित करेगा और छात्रों को केवल उनमें से ही चुनना होगा। हर सेमेस्टर के लिए यह माइनर कोर्स अलग-अलग रहेंगे। कौन से सेमेस्टर में कौन सा माइनर कोर्स पढ़ने को मिलेगा यह पहले से तय होगा।
विवि ने बीफॉर्म करते हुए बीएड में प्रवेश लेने वाले छात्रों के प्रकरण में एनसीटीई से निर्देश लेने का फैसला किया है। विवि ने ऐसे छात्रों के द्वितीय वर्ष के परीक्षा फॉर्म रोक दिए थे। इसके खिलाफ एक छात्र हाईकोर्ट चला गया। कोर्ट ने विवि को निर्णय करने के निर्देश दिए। कुलपति ने कहा कि जब काउंसिलिंग से छात्र का प्रवेश हो गया, छात्र ने क्लास करते हुए परीक्षा फॉर्म भरा और पेपर भी हो गया। विवि ने इसका रिजल्ट भी दे दिया तो फिर अब रोकने का क्या मतलब है।
कुलपति ने डीन एजुकेशन को एनसीटीई से स्थिति स्पष्ट करते हुए रिपोर्ट देने को कहा। परीक्षा समिति ने कालबाधित किसी भी छात्र को राहत नहीं दी है। ऐसे सभी प्रत्यावेदनों को निरस्त कर दिया है। परीक्षा नियंत्रक डॉ.अश्विनी शर्मा, डीन टेक्नोलॉजी प्रो.संजय भारद्वाज, डीन आर्ट्स प्रो.नवीन लोहानी, एआर परीक्षा सत्यप्रकाश, एआर गोपनीय विकास कुमार सहित सभी सदस्य मौजूद रहे।
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