Friday , March 29 2024

एकादशी तिथि के दिन श्रीहरि की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति की मान्यता है, जानें निर्जला एकादशी की कथा-

निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। आमतौर पर निर्जला एकादशी का व्रत मई या जून महीने में रखा जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत गंगा दशहरा के अगले दिन रखा जाता है लेकिन कभी-कभी साल में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी दोनों एक ही दिन पड़ जाते हैं। इस साल गंगा दशहरा 30 मई 2023, मंगलवार को हैं। जबकि निर्जला एकादशी व्रत 31 मई को रखा जाएगा।

निर्जला एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त-

एकादशी तिथि प्रारम्भ – मई 30, 2023 को 01:07 पी एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त – मई 31, 2023 को 01:45 पी एम बजे

निर्जला एकादशी व्रत पारण का समय-

निर्जला एकादशी व्रत का पारण 01 जून को किया जाएगा। 01 जून को व्रत पारण का समय सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 01:39 पी एम तक है।

इसे कहते हैं भीमसेनी एकादशी-

निर्जला एकादशी को पांडव एकादशी और भीमसेनी एकादशी या भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पांडवों में दूसरा भाई भीमसेन खाने-पीने का सबसे ज्यादा शौकीन था और अपनी भूख को काबू करने में सक्षम नहीं था इसी कारण वह एकादशी व्रत को नही कर पाता था। भीम के अलावा बाकि पांडव भाई और द्रौपदी साल की सभी एकादशी व्रतों को पूरी श्रद्धा भक्ति से किया करते थे। भीमसेन अपनी इस लाचारी और कमजोरी को लेकर परेशान था। भीमसेन को लगता था कि वह एकादशी व्रत न करके भगवान विष्णु का अनादर कर रहा है। इस दुविधा से उभरने के लिए भीमसेन महर्षि व्यास के पास गया तब महर्षि व्यास ने भीमसेन को साल में एक बार निर्जला एकादशी व्रत को करने कि सलाह दी और कहा कि निर्जला एकादशी साल की चौबीस एकादशियों के तुल्य है। इसी पौराणिक कथा के बाद निर्जला एकादशी भीमसेनी एकादशी और पांडव एकादशी के नाम से प्रसिद्ध हो गई।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com