उन्होंने कहा कि इसरो इसी साल जुलाई में चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग करेगा। उनका यह बयान नेविगेशन सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग के बाद आया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ (S Somanath) ने सोमवार (29 मई) को कहा कि चंद्रयान-3 को इस साल जुलाई में लॉन्च किया जाएगा। इसरो प्रमुख का यह बयान अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा जीएसएलवी रॉकेट पर एक नेविगेशन उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद आया है। यह प्रक्षेपण बहुत महत्व रखता है, क्योंकि यह दूसरी पीढ़ी के नेविगेशन उपग्रह श्रृंखला की तैनाती को चिह्नित करता है, जिससे NavIC सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित होती है।
हमें वह करना होगा, जो करने की जरूरत है: सोमनाथ
एएनआई से बात करते हुए इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा,
चंद्रयान-2 के चार साल बाद चंद्रयान-3 की होगी लॉन्चिंग
चंद्रयान -3 के प्रक्षेपण का एलान चंद्रयान -2 के लैंडर-रोवर के दुर्घटनाग्रस्त होने के चार साल बाद हुआ है। चंद्रयान-3 मिशन के जुलाई में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा के उस हिस्से तक प्रक्षेपित होने की उम्मीद है, जो सूर्य की ब्रह्मांडीय किरणों से बचाकर काफी हद तक अंधेरे में रहा है।
अंतिम चरण में है मिशन
इसरो के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की, कि मिशन तैयार होने के अंतिम चरण में है और अब यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में पेलोड को एकीकृत किया जा रहा है, क्योंकि टीम भारत के सबसे भारी रॉकेट, लॉन्च व्हीकल मार्क-III पर के मध्य जुलाई तक लॉन्चिंग के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
2018 में लॉन्च किया गया चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 मिशन 2018 में लॉन्च किया गया था। यह मिशन तीन अलग-अलग प्रणालियों ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर का अनूठा संयोजन था। ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों ओर एक कक्षा में स्थापित गया, जबकि लैंडर और रोवर इकाई चंद्रमा के सुदूर भाग पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
चंद्रयान-3 के साथ केवल एक लैंडर और रोवर होगा लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अपने लागत प्रभावी दृष्टिकोण के लिए जानी जाती है। उसने चंद्रयान -3 के साथ केवल एक लैंडर और एक रोवर लॉन्च करने का फैसला किया है, जिसका उद्देश्य नए चंद्र मिशन के लिए चंद्रयान -2 के ऑर्बिटर को फिर से तैयार करना है।
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