चीन खुद को शीर्ष साबित करने के लिए लगातार कोशिश मे रहता ही है। अब ये देश यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए मध्यस्ता करना चाहता है। इसी कड़ी में सोमवार को चीन अपने एक विशेष दूत को यूक्रेन, रूस और अन्य यूरोपीय शहरों का दौरा करने के लिए भेज रहा है।

राजनीतिक समाधान पर होगी चर्चा
इस दौरे को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें यूक्रेन संकट के लिए “राजनीतिक समाधान” पर चर्चा करने की बात कही गई है। यूरेशियन मामलों के लिए चीन के विशेष प्रतिनिधि और रूस में पूर्व राजदूत ली हुई दो दिन के दौरे पर रहेंग। इस दौरान वे पोलैंड, फ्रांस और जर्मनी भी जाएंगे।
शांति वार्ता को बढ़ावा देना चाहता है चीन
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि इस दौरे का उद्देश्य शांति वार्ता को बढ़ावा देना है। बता दें, फरवरी 2022 में रूस के आक्रमण के बाद से वे यूक्रेन का दौरा करने वाले सबसे वरिष्ठ चीनी अधिकारी हैं। उनकी ये यात्रा यूक्रेन के लिए काफी अहम मानी जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे रूस द्वारा यूक्रेन का कब्जाया हुआ हिस्सा शायद वापस मिलने में मदद मिल सकती है।
चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग और वलोडिमिर जेलेंस्की के बीच अप्रैल में युद्ध के दौरान पहली वार्ता हुई थी। इसके बाद चीन की तरफ से शांति को बढ़ावा देने की बात कही गई थी। हालांकि, बीजिंग की तरफ से दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष में शामिल होने से इनकार कर दिया था। चीन मार्च में सऊदी अरब और ईरान के बीच बातचीत की व्यवस्था करने के बाद खुद को एक वैश्विक राजनयिक बल के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
फरवरी से ही बीजिंग ने यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान के लिए 12-सूत्रीय प्रस्ताव को भारी बढ़ावा देना शुरू कर दिया था। चीन की तरफ से दोनों पक्षों से धीरे-धीरे डी-एस्केलेशन पर सहमत होने का आग्रह किया गया और परमाणु हथियारों के उपयोग के खिलाफ चेतावनी दी गई।
कीव ने रूस को किसी भी क्षेत्रीय रियायत के विचार से इंकार किया है और कहा है कि वह अपनी जमीन का एक-एक इंच वापस चाहता है। रूस ने 2014 में क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था और पिछले साल से चार अन्य यूक्रेनी क्षेत्रों पर कब्जा करने का दावा किया है, जिसे मास्को अब रूसी भूमि कहता है।
GDS Times | Hindi News Latest News & information Portal