जर्मनी से बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां दो नाबालिग स्कूली छात्राओं ने मिलकर अपनी ही 12 साल सहपाठी की बेरहमी से हत्या करने का गुनाह कबूल कर लिया है। वह लड़की को जंगल में बहला-फुसलाकर ले गए थे। जिसके बाद उन्होंने चाकू घौंप कर उसे मौत के घाट उतार दिया। दरअसल यह पूरी घटना उत्तरी राइन-वेस्टफेलिया के पश्चिमी राज्य में फ्रायडेनबर्ग शहर में घटित हुई है। वहां लुइस नाम की लड़की अपने दोस्त से मिलने के लिए गई थी लेकिन वह वहां से लापता हो गई थी।
जंगल से बरामद हुआ शव
लुइस जब घर नहीं लौटी तो उसके माता-पिता को चिंता हुई। जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की। दर्जनों पुलिसकर्मियों ने एक हेलीकॉप्टर, ड्रोन और खोजी कुत्ते के मदद से पीड़िता के घर के इलाके के आसपास व्यापक तलाशी ली। इसके बाद उन्हें लुइस का शव एक जंगल में मृत मिला। पुलिस ने शिकायत के आधार पर शव की पहचान की। उन्होंने बताया की लुइस पर बेरहमी से 30 बार चाकू से वार किया गया है। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
30 बार चाकू से किया वार
कोब्लेंज़ पुलिस के होमोसाइड के प्रमुख फ्लोरियन लॉकर ने कहा कि 12 और 13 साल की दो लड़कियों ने 12 साल की नाबालिग छात्रा की हत्या की बात कबूली है। उन्होंने बताया कि लुइस शनिवार दोपहर से लापता थी। फ्लोरियन लॉकर ने कहा कि की दोनों सहपाठी उसे जंगल में बहला-फुसला कर ले गए थे। जिसके बाद उन्होंने चाकू से 30 बार वार कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी है। उन्होंने कहा कि दोनों लड़कियों ने मामले के बारे में बयान दिया और अंत में अपराध स्वीकार कर लिया है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया की वह एक-दूसरे से पहले से ही परिचित थे।
आपराधिक दायित्व से कम है आरोपियों की उम्र
कोब्लेंज़ पुलिस के होमोसाइड के प्रमुख फ्लोरियन लॉकर ने दोनों आरोपियों की उम्र के कारण इस घटन के बारे में अधिक विवरण देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि आरोपी दोनों छात्राएं जर्मनी में आपराधिक रूप से जिम्मेदार ठहराए जाने के लिए बहुत कम उम्र के हैं क्योंकि वहां आपराधिक दायित्व की उम्र 14 साल से शुरू होती है। हालांकि अभी पुलिस को हमले में इस्तेमाल किया गया चाकू बरामद नहीं हुआ है।