पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सह-शिक्षा संस्थानों में महिला छात्रों और शिक्षकों के लिए हिजाब अनिवार्य कर दिया है। समा ने बताया कि इस संबंध में पीओके सरकार द्वारा इस आशय की एक अधिसूचना जारी की गई है।

अधिसूचना के अनुसार, सह-शिक्षा संस्थानों में छात्राओं और शिक्षिकाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य होगा। आदेशों का उल्लंघन करने पर संस्था प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जियो न्यूज ने सर्कुलर में चेतावनी दी है कि अधिकारियों द्वारा जारी निर्देशों को लागू करने में विफल रहने पर संस्थान के प्रमुख के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, सर्कुलर में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि हिजाब नहीं पहनने वाली छात्राओं और शिक्षिकाओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।
सरकार के इस फैसले की लोगों ने की कड़ी आलोचना
सरदार तनवीर के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार के फैसले की लोग कड़ी आलोचना कर रहे हैं। मारियाना बाबर ने फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि महिलाओं को एक विकल्प दिया जाना चाहिए।
एक ट्वीट में मारियाना बाबर ने कहा कि POK सरकार ने छात्राओं और महिला शिक्षकों के लिए को-एजुकेशन वाले शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के लिए अनिवार्य कर दिया है। वहीं, मुर्तजा सोलंगी ने पीटीआई-नेतृत्व वाली सरकार के फैसले की तुलना तालिबना से की है। पिछले साल तालिबान ने महिलाओं के लिए अफगानिस्तान में सार्वजनिक रूप से हिजाब पहनना भी अनिवार्य कर दिया था।
सरकार के निर्णय की तुलना तालिबान के फैसले से हुई
मुर्तजा सोलंगी ने सरकार के निर्णय की तुलना तालिबान के फैसले से की है। पिछले साल तालिबान ने भी अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए सार्वजनिक रूप से हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया था। सोलंगी ने कहा, द टूथलेस डेंटिस्ट (पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी) जो फासीवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार पीओके में तालिबान शासन कैसे लागू कर रही है।
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