प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर कर्नाटक की ओर रवाना हो रहे हैं। खास बात है कि जनवरी से लेकर अब तक दक्षिण भारतीय राज्य में यह उनका 5वां दौरा होगा। भारतीय जनता पार्टी की यह तैयारी ‘मिशन दक्षिण’ के लिहाज से अहम भी है। दरअसल, दक्षिण भारतीय राज्यों में सियासी राह तलाश रही भाजपा का फिलहाल कर्नाटक ही एकमात्र ठिकाना है। राज्य में 2023 के मध्य तक चुनाव हो सकते हैं।
पीएम मोदी ही नहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी राज्य का कई बार दौरा कर चुके हैं। संभावनाएं हैं कि चुनाव से पहले भाजपा के कई दिग्गज यहां पहुंचेंगे। कर्नाटक में भाजपा की सीधी जंग कांग्रेस से मानी जा सकती है, लेकिन जनता दल सेक्युलर की मौजूदगी चुनाव को त्रिकोणीय बना सकती है। साल 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बना ली थी।
पीएम मोदी का कार्यक्रम
भाजपा नेता ने जानकारी दी है कि पीएम मोदी मांड्या में 2 किमी लंबा रोड शो करेंगे। इसके बाद पास ही मौजूद गेज्जालगरी में जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी आगामी दौरे में 118 किमी लंबे बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे की शुरुआत करेंगे। इसके जरिए यात्रियों को कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु का रास्ता तय करने में कम समय लगेगा।
भाजपा के सामने 3 चुनौतियां
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में चल रही कर्नाटक सरकार कई चुनौतियों से घिरी नजर आती है। इनमें भ्रष्टाचार का मुद्दा खासा गर्माया हुआ है। हाल ही में विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल को घूसखोरी के आरोप में लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कांग्रेस ने इस मुद्दे को जमकर उठाया है और प्रदेश प्रमुख डीके शिवकुमार ने 9 मार्च को 2 घंटे के लिए कर्नाटक बंद का ऐलान किया है।
इसके अलावा पार्टी 2023 के चुनावी मैदान से वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की गैरमौजूदगी भी महसूस कर सकती है। कहा जाता है कि येदियुरप्पा का लिंगायत मतदाताओं में खासा वर्चस्व है। हालांकि, संन्यास ले चुके 80 वर्षीय नेता ने भाजपा के लिए प्रचार की बात कही है। शाह और पीएम मोदी भी येदियुरप्पा के नाम का जिक्र करते नजर आ रहे हैं।