बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ उपेंद्र कुशवाहा लगातार मोर्चा खोले हुए हैं। इस बीच हिन्दुस्तान अवामी मोर्चा पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी महागठबंधन सरकार को आईना दिखाने निकले हैं। रविवार से मांझी गरीब संपर्क यात्रा पर निकले हैं, जिसकी शुरुआत रविवार को नवादा से हुई है। उनका कहना है कि इस यात्रा से वह प्रदेश के गरीबों का हाल जानेंगे। उनका कहना है कि करप्शन और लालफीताशाही से गरीबों का उत्पीड़न हो रहा है। जीतनराम मांझी की ओर से नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले की आलोचना की जाती रही है। उनका कहना है कि इससे गरीबों का उत्पीड़न हो रहा है।
जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा है कि उन्हें गरीबों की तरफ देखना चाहिए। मांझी ने कहा कि उन्हें अधिकारियों के दायरे से बाहर निकलना चाहिए, जो उन्हें लोगों को देखने नहीं दे रहे हैं। बता दें कि बिहार में फिलहाल यात्राओं का दौर चल रहा है और एक महीने से सीएम नीतीश कुमार भी समाधान यात्रा पर निकले हैं। जीतन राम मांझी यात्रा के दौरान अपने 9 महीने कार्यकाल का भी जिक्र करते हैं। दरअसल जीतनराम मांझी लगातार नीतीश कुमार के मुकाबले अपने कार्यकाल को प्रोजेक्ट कर रहे हैं।
26 फरवरी को समाप्त होगी मांझी की यात्रा
मांझी ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा मेरी यात्रा 26 फरवरी को गया में समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान एक रैली भी होगी, जिसमें मैं बताऊंगा कि गरीबों की ताकत क्या होती है। उन्हें शराबबंदी के चलते जूझना पड़ रहा है और मौत का सामना करना पड़ा है। मांझी ने कहा, ‘मैं जब सीएम था तो प्रस्ताव दिया था कि उन युवाओं को 5000 रुपये का भत्ता दिया जाए, जो ग्रैजुएट होने के बाद भी बेरोजगार हैं। नीतीश कुमार ने इसी को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तौर पर लागू किया है, जिसके तहत लोगों को फायदा उठाने में बहुत मुश्किल आती है। इसके लिए तो लोगों को दो जोड़ी जूते ही घिस जाते हैं। इसीलिए मैं लोगों की राय लेने के लिए निकला हूं।’
शराबबंदी के खिलाफ मांझी ने फिर से खोला है मोर्चा
पूर्व सीएम ने कहा कि मैं लोगों की बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचाऊंगा। मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार से लोग समस्याएं नहीं बताते, लेकिन मुझे बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में इंदिरा आवास योजना में करप्शन हो रहा है। इसके अलावा राशन कार्ड में परिवार के लोगों के नाम जुड़वाने के लिए भी लोगों को पैसे देने पड़ रहे हैं। यही नहीं शराबबंदी को लेकर भी मांझी लगातार हमलावर हैं। उनका कहना है कि इसमें जेल जाने का प्रावधान हटा देना चाहिए क्योंकि इससे परिवारों को दिक्कत आती है, जहां कमाने वाला एक ही मेंबर हो।