गुरुवार यानी 16 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करने जा रहे हैं। इस महोत्सव में 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एक हजार से ज्यादा कलाकार और कारीगर शरीक होंगे। जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा के मुताबिक आदिवासियों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने औऱ उनकी कला संस्कृति को पहचान दिलवाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। बता दें कि आगामी विधानसभा चुनावों और आम चुनाव को देखते हुए भी भाजपा आदिवासियों को रिझाने की हर कोशिश कर रही है। गुजरात में भी इस बार आदिवासी बहुल सीटों पर भाजपा को अच्छा फायदा मिला था।

जानकारी के मुताबिक यह महोत्सव 16 से 27 फरवरी तक चलेगा। इसमें आदिवासी शिल्प, संस्कृति, पकवान और व्यापार से सीधा जोड़ा जाएगा। इसमें लगभग 500 आदिवासी कारीगर हिस्ला लेंगे। इसके अलावा आदिवासी व्यंजनों का भी लुत्फ उठाया जा सकेगा। इस कार्यक्रम के जरिए ‘अन्न श्री’ योजना का भी प्रमोशन किया जाएगा जिसका इस बार बजट में ऐलान किया गया है। आदिवासी पकवानों में बाजरा का चूरमा, कोदो की खीर, रागी का हलवा, मांडिया का सूप, कश्मीरी रायता, भेल, कबाब रोगन जोश आदि शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम में आदिवासी कारीगरों द्वारा तैयार किए गए डिजाइन पेश किए जाएंगे। बता दें कि 2023 को संयुक्त राष्ट्र ने इंटरनेशल मिलेट इयर घोषित किया है। इस महोत्सव में तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड. जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़ के मिलेट पेश किए जाएंगे और इनसे बनने जायकेदार पकवान भी मिलेंगे। इस महोत्सव में 200 से ज्यादा स्टॉल लगाए जाएंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने एमएसपी के तहत भी कई जंगली उत्पादों को लाने का फैसला किया है। पहले से भी 87 ऐसे फसली उत्पाद हैं जो कि एमएसपी के अंतरगत आते हैं। हालांकिअब जंगल में पाए जाने वाली चीजों को भी एमएसपी के अंतरगत लाया जा रहा है। इसक उद्देश्य जंगल में पाए जाने वाले अनाजों को भी अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना है।
GDS Times | Hindi News Latest News & information Portal