चीन में कोरोना से तबाही और खतरनाक कोविड वेरिएंट को देखते हुए भारत समेत कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया है। हालांकि चीन इस फैसले से भड़क गया है और उसने पलटवार करने की धमकी दी है। चीन का कहना है कि दूसरे देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं और वह भी इसी तरह के नियम लगा देगा। बता दें कि सीडीसी की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि चीन में संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका ने भी कहा है कि चीन, हॉन्गकॉन्ग और मकाऊ से आने वाले यात्रियों को कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
जापान, इटली, साउथ कोरिया, अमेरिका समेत करीब दर्जनभर देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, कुछ देश केवल चीन के लोगों को टारगेट कर रहे हैं और प्रतिबंध लगा रहे हैं। इसमें कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है और उनके कुछ काम बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा कि चीन इधर से जवाब भी दे सकता है।
चीन के रवैये से सहमी दुनिया
एक तरफ चीन में कोरोना की भवायह तस्वीरें सामने आ रही हैं तो दूसरी तरफ वह सच मानने से इनकार कर रहा है। इसीलिए दुनिया और भी सहमी हुई है। चीन ने अब तक केवल पा्ंच हजार मौतों की बात कही हैं जबकि कई एजेंसियों का दावा है कि इस समय रोज 9 हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं। यूके की एक फर्म ने दावा किया है कि 13 जनवरी को चीन में कोरोना की इस लहर का पीक आ सकता है और 37 लाख लोग एक ही दिन में संक्रमित हो सकते हैं। वहीं 25 हजार लोगों की जान जा सकती है।
चीन ने विरोध के बाद जोरी कोविड पॉलिसी में ढील दे दी थी। इसके बाद ही वहां कोरोना के मामलों का उफान आ गया। स्थिति यह हुई की अस्पतालों और शवगृहों में जगह नहीं बची। ऐसे में तमाम प्रतिबंधों के बाद भी चीन से तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया के जरिए बाहर आ ही जाते हैं। नए साल के मौके पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी माना था कि कोरोना से चीन के हालात बेहद खराब हैं।