यूपी निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के फैसले ने योगी सरकार पर निशाना साधने और हमले का नया मौका विपक्ष को दे दिया है। ओबीसी को लेकर लगातार सरकार पर कई आरोप लगा रही सपा ने अब दलितों को लेकर भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यहां तक कह दिया कि ओबीसी का आरक्षण छीनने के बाद भाजपा दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी। अखिलेश के साथ ही चाचा शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोला है।
हाईकोर्ट ने मंगलवार को सरकार को झटका देते हुए निकाय चुनाव के आरक्षण की अधिसूचना को रद कर दिया है। हाईकोर्ट ने सरकार से बिना ओबीसी आरक्षण ही चुनाव कराने और ट्रिपल टेस्ट के लिए आयोग के गठन का आदेश दिया है।
बिना ओबीसी आरक्षण ही चुनाव कराने का आदेश भले ही हाईकोर्ट ने दिया है लेकिन सपा ने इसे भाजपा की लापरवाही बताते हुए हमले तेज कर दिए हैं। सपा ने कहा कि सूबे में छह साल से भाजपा की सरकार है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ओबीसी का ट्रिपल टेस्ट के आधार पर सर्वे नहीं कराया गया।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है,कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी। अखिलेश यादव ने आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछड़ों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील भी की।
वहीं, शिवपाल यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण की समाप्ति का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। सामाजिक न्याय की लड़ाई को इतनी आसानी से कमजोर होने नहीं दिया जा सकता है। आरक्षण पाने के लिए जितना बड़ा आंदोलन करना पड़ा था, उससे बड़ा आंदोलन इसे बचाने के लिए करना पड़ेगा। कार्यकर्ता तैयार रहें।
सपा महासचिव और राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण खतम करने का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण। उत्तरप्रदेश सरकार की साज़िश। तथ्य न्यायालय के समक्ष जानबूझकर प्रस्तुत नहीं किए।उत्तर प्रदेश की साठ फ़ीसदी आबादी को आरक्षण से वंचित किया। ओबीसी मंत्रियों के मुंह पर ताले। मौर्या की स्थिति बंधुआ मज़दूर जैसी!