बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा समय पर परीक्षा नहीं लेने और रिजल्ट जारी करने में देरी होने पर पटना हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाई कोर्ट ने कड़ी चेतावनी देते हुए मगथ यूनिवर्सिटी, पूर्णिया यूनिवर्सिटी, पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी समेत पांच विश्वविद्यालयों के वीसी पर जुर्माना भी लगाया है। साथ ही वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति और मगध यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने विवेक राज की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि समय पर परीक्षा नहीं लेने और रिजल्ट जारी नहीं किए जाने से छात्रों के भविष्य पर असर पड़ता है। इस केस में राज्य के कई विश्वविद्यालयों ने हलफनामा दायर कर अपनी स्थिति स्पष्ट की। बीएन मंडल यूनिवर्सिटी की ओर से हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया कि दिसंबर तक सभी परीक्षाओं का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा, जबकि एलएलबी थर्ड सेमेस्टर का रिजल्ट फरवरी 2023 और पीजी चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट अप्रैल 2023 तक जारी किया जाएगा।
टीएनबी भागलपुर यूनिवर्सिटी ने अपने यहां लंबित परीक्षाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही कब-किस कोर्स की परीक्षा ली जाएगी और कब रिजल्ट प्रकाशित किया जाएगा इस बारे में बताया। कोर्ट ने इसे मंजूर करते हुए तय समय पर परीक्षा लेने और रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया।
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की ओर से हलफनामा दायर नहीं किए जाने पर कोर्ट ने 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। वहीं, वीसी को 14 दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया। अदालत ने परीक्षा और रिजल्ट में हो रही देरी के बारे में पूरा ब्योरा देने का आदेश दिया।
पूर्णिया यूनिवर्सिटी को हाई कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर परीक्षा में होने वाली देरी और रिजल्ट प्रकाशित करने में हो रही देरी के बारे में पूरी जानकारी देने का आदेश दिया। हलफनामा दायर नहीं किए जाने पर वीसी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी की ओर से दायर हलफनामा रिकॉर्ड पर नहीं रहने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करने का आदेश दिया।
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