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भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार जिग्ना पंड्या ने अपना नामांकन लिया वापस, जानिए वजह ..

गुजरात वाधवान विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार जिग्ना पंड्या ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इस बात की जानकारी पार्टी के एक नेता ने रविवार को दी।

भाजपा नेता ने कहा, जिग्न्या पंड्या ने स्वेच्छा से वाकआउट किया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से उनके स्थान पर किसी अन्य उम्मीदवार को मैदान में उतारने का आग्रह किया है। पार्टी ने उनकी जगह जिग्नेश मकवाना को मैदान में उतारा है।

मकवाना दलवाड़ी (सतवाड़ा) समुदाय से हैं, जिनकी तीन निर्वाचन क्षेत्रों – लिंबडी, ध्रांगधरा और वाधवान में उपस्थिति है। चूंकि पार्टी ने इस समुदाय से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, इसलिए एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राज्य नेतृत्व से मुलाकात की थी और कम से कम एक निर्वाचन क्षेत्र में उस समुदाय से उम्मीदवार खड़ा करने का अनुरोध किया था।

भाजपा के एक धड़े ने जिग्न्या पंड्या के खिलाफ शिकायत भी की थी कि उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों में भी नहीं देखा गया था। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के अनुरोध पर उन्होंने राज्य नेतृत्व को पत्र लिखकर अपनी जगह किसी और को नामित करने का अनुरोध किया।

भाजपा के सामने गुजरात में चुनौती

इस बार गुजरात में भाजपा को कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी से थोड़ी बहुत चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि कुछ शहरी सीटों पर भाजपा को आम आदमी पार्टी चुनौती दे सकती है और इसके लिए अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया ने गुजरात में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। वहीं, कांग्रेस इस बार साइलेंटली प्रचार कर रही है।

2017 के चुनाव परिणाम के आंकड़े बताते हैं कि ऐसी करीब 7 विधानसभा सीटें थीं जहां पर 1 हजार से से भी कम मतों पर हार-जीत का फैसला हुआ था। राज्‍य की जिन 16 सीटों की यहां पर हम बात कर रहे हैं उनमें से 10 भाजपा के पक्ष में गई थीं और 6 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। 2017 के चुनाव में सबसे कम अंतर पर जिस सीट पर फैसला हुआ था वो कपरादा थी। ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी। वलसाड जिले की इस सीट पर भाजपा को कांग्रेस के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था। कांग्रेस के जीतूभाई ने ये सीट माधोभाई से महज 170 मतों के अंतर से जीत ली थी। माधोभाई को इस चुनाव में 92,830 मत हासिल हुए थे जबकि जीतूभाई को 93,000 वोट हासिल हुए थे। हालांकि अब इस सीट पर बाजी पलट रही है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि जीतूभाई ने कांग्रेस से नाता तोड़ भाजपा का हाथ थाम लिया है और भाजपा ने उन्‍हें यहां से टिकट भी दे दिया है।

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