पाकिस्तान की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से लीक आडियो क्लिप की वजह से भूचाल आया हुआ था। पीएम शहबाज से लेकर पूर्व पीएम इमरान खान की लीक आडियो क्लिप से हर कोई हैरान था। दोनों ही एक दूसरे पर इस आडियो क्लिप को लेकर हमलावर हो रहे थे। दोनों का ही कहना था कि ये आडियो क्लिप पीएम आफिस की सुरक्षा में जबरदस्त चूक का मामला है। इसको देखते हुए पिछले दिनों पीएम आफिस में किसी भी कर्मचारी के मोबाइल, लैपटाप या दूसरे इलेक्ट्रानिक डिवाइस लेकर जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। सरकार ने लीक आडियो क्लिप की जांच के लिए भी एक कमेटी गठित कर दी थी। इस कमेटी की रिपोर्ट के आने से पहले ही देश के आंतरिक मंत्रालय ने एक बड़ा खुलासा किया है। आडियो क्लिप के लीक होने के बारे में केंद्रीय मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि इसमें किसी भी एजेंसी या उसके किसी भी कर्मचारी का कोई हाथ नहीं था।
किसी विदेशी खुफिया एजेंसी का हाथ नहीं
राणा ने एक टीवी चैनल से हुई बातचीत के दौरान कहा कि इस मामले में हुई जांच में किसी भी विदेशी खुफिया एजेंसी के होने का कोई सबूत नहीं मिला है। उन्होंने ये भी कहा है कि पीएम आफिस के कुछ कर्मचारियों को रडार पर लिया गया है। माना जा रहा है कि उन्होंने ये सभी कुछ पैसे के लिए किया है। आपको बता दें कि इस मामले में इमरान खान ने सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए थे।
कोर्ट जांएगे इमरान खान
इमरान ने यहां तक कहा था कि वो इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। सोमवार को ही इमरान खान की सरकार में मंत्री रहे फव्वाद चौधरी ने इस मामले में गंभीरता न दिखाने के लिए कोर्ट के खिलाफ भी तीखी टिप्पणी की थी। उनका कहना था कि कोर्ट इस बारे में कुछ नहीं कर रहा है और केवल जजों की नियुक्ति को लेकर आपस में भिड़ रहे हैं।
डिवाइस किया गया प्लांट
राणा ने अपने बयान में ये भी कहा कि पीएम आफिस के अंदर एक छोटा सा डिवाइस प्लांट किया गया था जिससे बातचीत को रिकार्ड किया जा रहा था। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि इस मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार किया गया है या नहीं। वहीं पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट में इस मामले में दो आरोपियों को हिरासत लेने की बात सामने आई है। राणा के मुताबिक कमेटी इस मामले जो फाइंडिंग्स देगी उन्हें कोर्ट में कैमरा ब्रिफिंग के दौरान पेश किया जाएगा।
जांच अभी जारी
मंत्री के मुताबिक जांच अभी चल रही है और उनके बयान से जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस पर अंतिम फैसला पीएम शहबाज शरीफ केबिनेट और नेशनल सिक्योरिटी कमेटी से बातचीत के बाद ही लेंगे। आडियो लीक और पीएम आफिस से गायब दस्तावेज मामले की जांच के लिए तीन अलग-अलग जांच कमेटियों का गठन किया गया है। इन सभी की जांच अभी चल ही रही है।
मामला दबने वाला नहीं
अब जबकि राणा ने इस पर अपना और सरकार का पक्ष बिल्कुल साफ कर दिया है, तब भी ये मामला पूरी तरह से दबने वाला नहीं दिखाई देता है। दरअसल, आडियो लीक मामले की शुरुआत पीएम शहबाज शरीफ और उनके अधिकारी के बीच हुई निजी वार्ता से हुई थी। इसके बाद पीटीआई ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। कुछ दिनों के बाद इमरान खान की भी आडियो क्लिप लीक हुई। एक के बाद एक तीन आडियो क्लिप के सामने आ जाने से इमरान खान बैकफुट पर आते दिखाई दिए थे।