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अगर आप भी बहार का खाने के है शौकीन तो हो जाइये सावधान

आटे के रिफाइंड रूप को मैदा कहा जाता है। मैदा बनाने के लिए आटे को बेहद बारीक और महीन पिसा जाता है।  मैदे का इस्तेमाल कई तरह की खाने की चीजे बनाने के लिए होता है। अगर आप भी मैदा खाने के शौकीन है तो यह खबर आपके लिए है..

आज कई लोग फ़ास्ट फ़ूड के शौकीन है। यह फ़ास्ट फ़ूड बनता है मैदे से, लोग सुबह के नाश्ते में ब्रेड खाते है, मैदे का पराठा, कुलचा, नान भी लोगो की पसंद होती है। आप जानते ही होंगे की पिज़्ज़ा, बर्गर, मोमोज़, बिस्किट में भी मैदे का प्रयोग होता है। इन्ही चीज़ो से हमारे शरीर को बहुत नुकसान होता है। इन चीज़ो का ज़्यादा सेवन करना आपको बीमार भी बना सकता है।

क्या आपको पता है की मैदा खाने से हमें क्या-क्या नुक्सान हो सकते है?

ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी 
मैदा खाने से ब्लड शुगर लेवल तेज़ी से बढ़ता है, जिसकी वजह से खून में ग्लूकोज़ जमने लगता है, जो शरीर में केमिकल रिएक्शन पैदा करता है। जिससे कैटरैक्ट से ले कर गठिया और हार्ट की बीमारियां होने का खतरा मंडराने लगता है। 

मैदा कर सकता है आपकी हड्डियों को कमज़ोर 
मैदे को आटे से बनाया जाता है पर मैदा बनाने के प्रोसेस में आटे का सारा प्रोटीन नष्ट हो जाता है। जिसकी वजह से ये एसिडिक बन जाता है, जो हड्डियों से कैल्शियम को खींचकर हड्डियों को कमजोर करने का काम करता है। 

इम्यून सिस्टम पर प्रभाव 
मैदा रोज़ाना खाने से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर जो जाता है। जिसकी वजह से बार-बार बीमारी होने की सम्भावना और किसी बड़ी बीमारी के होने का खतरा बढ़ने लगता है।

मैदा और मोटापा 
मैदा और इससे बनी चीजों का अधीक मात्रा से सेवन आपको मोटापे की ओर ले जा सकता है।  इसके आलावा, इसके सेवन से आपको अधिक भूख महसूस होती है और मीठा खाने की तलब बड़ जाती है। 

मैदा खाने से हो सकती है आपको पेट से जुडी समस्याएं 
मैदा को शरीर के लिए जहर माना जाता है क्यूंकि इसमें बिल्कुम भी फाइबर नहीं होता, जो शरीर को चलाने के लिए बेहद जरुरी है। इसी वजह से अक्सर लोगो को मैदे से बनी चीजे खाने के बाद पेट से जुडी समस्याए जैसे कब्ज़, अपच, दस्त, पेट में जलन आदि का सामना करना पड़ जाता है।

एसिडिटी की समस्या 
मैदा के सेवन से एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है। मैदा की परिष्करण प्रक्रिया के दौरान, सभी पोषक तत्व ख़त्म हो जाते है जिसके कारण इसकी तासीर अम्लीय हो जाती है। 

यह है मैदे पांच के बेहतर विकल्प जो आपको मैदे से बने फ़ास्ट फ़ूड से छुटकारा दिलाएंगे और बिना आपके स्वाद से समझौता किये :

ज्वार का आटा: ज्वार बी विटामिन, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फॉस्फोरस, एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने के लिए जाना जाता है।

बाजरा आटा: राजस्थान में बाजरे की रोटियां प्रमुख हैं। गेहूं के विपरीत, बाजरा ऊर्जा में अधिक होती है और आपका पेट जल्दी भरता है। यह अ मीनो एसिड, एंटीऑक्सिडेंट में प्रचुर है और इसे ब्लड शुगर का स्तर, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए फायदेमंद माना जाता है।

क्विनोआ आटा: क्विनोआ के आटे का स्वाद पहली बार में थोड़ा कड़वा हो सकता है। कड़वाहट से छुटकारा पाने के लिए आप इसे हल्का टोस्ट करके देख सकते हैं।
यह पौष्टिक रूप से सघन है और इसे आसानी से चपाती, पूरी, केक, मफिन, डोसा और बहुत कुछ बनाने में शामिल किया जा सकता है।

सोयाबीन का आटा: सोया में विटामिन डी, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, बी विटामिन, फोलेट, जिंक और विटामिन के अन्य आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते है। आप अपने नियमित आटे के 30% हिस्से को सोया आटे से बदल सकते हैं और एक नया  स्वाद ले सकते है।  

रागी आटा: यह कार्ब्स का एक अच्छा स्रोत है और कैल्शियम, एंटीऑक्सिडेंट, और डाइटरी फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से समृद्ध है। रागी ऊर्जा से भरपूर है और लंबे समय तक भूख को

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