तालाबों और झीलों में पाया जाने वाला स्पिरुलिना एक जलीय वनस्पति है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो स्पिरुलिना में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए स्पिरुलिना की गिनती सुपरफूड में होती है। कैंसर की दवा बनाने में भी स्पिरुलिना का इस्तेमाल किया जाता है। खराब दिनचर्या, गलत खानपान, तनाव और अत्यधिक आराम के चलते उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, स्ट्रोक और दिल से संबंधित बीमारियां दस्तक देती हैं। इनमें तनाव से उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। वहीं, गलत खानपान से रक्त में बैड कोलेस्ट्रॉल और शुगर बढ़ने लगता है। साथ ही फैट बढ़ने से मोटापे की समस्या होती है। इसके लिए अपनी जीवनशैली में व्यापक बदलाव करें। संतुलित आहार लें, रोजाना कसरत करें, तनाव से दूर रहें और पर्याप्त नींद लें। इन नियमों का पालन कर बीमारियों के प्रभाव को रोक सकते हैं। वहीं, उच्च रक्तचाप, मोटापा और शुगर कंट्रोल करने के लिए स्पिरुलिना का सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से इन बीमारियों में जल्द आराम मिलता है। कई शोधों में दावा किया गया है कि स्पिरुलिना में कई ऐसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो मधुमेह, मोटापा समेत उच्च रक्तचाप में फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं-
स्पिरुलिना क्या है ? तालाबों और झीलों में पाया जाने वाला स्पिरुलिना एक जलीय वनस्पति है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो स्पिरुलिना में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए स्पिरुलिना की गिनती सुपरफूड में होती है। कैंसर की दवा बनाने में भी स्पिरुलिना का इस्तेमाल किया जाता है। डाइट चार्ट की मानें तो 7 ग्राम स्पिरुलिना पाउडर में प्रोटीन 4 ग्राम, 20 कैलोरी और 1.7 ग्राम सुपाच्य कार्ब्स होते हैं।एक शोध के जरिए खुलासा हुआ है कि रोजाना 2 ग्राम स्पिरुलिना के सेवन से शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। वहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स मोटापे से परेशान लोगों को डाइटिंग के दौरान स्पिरुलिना का सेवन करने की सलाह देते हैं। इससे शरीर में कमजोरी नहीं होती है। इसमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा, स्पिरुलिना के नियमित सेवन से रक्त प्रवाह सुचारू ढंग से होता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।