Thursday , April 18 2024

गोवा हाल के दिनों में एक बड़े सियासी घटनाक्रम का बना गवाह

गोवा हाल के दिनों में एक बड़े सियासी घटनाक्रम का गवाह बना। कांग्रेस के 11 में से आठ विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया। उनके विलय को विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी मिल चुकी है। इस बीच खबर आ रही है कि गोवा के एक पूर्व मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता चर्चिल अलेमाओ का इसमें अहम योगदान रहा। कांग्रेस के दो विधायकों ने रोडोल्फो फर्नांडीस को सफलतापूर्वक समझाने में उनकी भूमिका का खुलासा किया है। आपको बता दें कि फर्नांडीस लंबे समय तक कांग्रेसी रहे। उनकी मां विक्टोरिया भी विधायक और कांग्रेस की सरकारों में मंत्री थीं। 

गोवा की राजनीति में अलेमाओ का एक विशेष कद है। वह सिर्फ 13 दिनों के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे थे। कांग्रेस के बागी विधायकों के पास सदस्यता बचाने और खेमे को बीजेपी में विलय होने के लिए जरूरी नंबर कम पड़ रहे थे। ऐसे में अलेमाओ ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कांग्रेस के दो विधायकों अल्टोन डी’कोस्टा और रोडोल्फो फर्नांडीस से संपर्क साधा। 

नाम नहीं छापने की शर्त पर कांग्रेस के एक विधायक ने कहा, “उन्होंने अल्टोन से मुलाकात की। उन्हें योजना के बारे में बताया। हालांकि, वे उन्हें नहीं मना सके। इसके बाद वह रोडोल्फो के पास पहुंचे। उनसे कहा कि अल्टोन पहले ही जुड़ने के लिए सहमत हो गए हैं।”

अल्टोन क्यूपेम से विधायक चुने गए थे। उन्होंने चंद्रकांत कावलेकर को हराकर चुनाव जीता था। कावलेकर चार बार कांग्रेस के विधायक रहे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। 2019 में भी अल्टोन ने पाला बदलने से इनकार कर दिया था।

जब अल्टोन से अलेमाओ के प्रस्ताव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह सच है कि मुझसे संपर्क किया गया था और प्रस्ताव दिए गए थे। मैं इस बारे में नाम नहीं लेना चाहता हूं कि इसमें कौन शामिल था। अब यह हो गया है। जो जाना चाहते थे वे चले गए, लेकिन मैं अपने सिद्धांतों पर कायम हूं। राजनीतिक परिवारों से आने वाले बहुत से लोग जाने के लिए बहुत उत्सुक थे।” रॉडोल्फो इस प्रकरण पर बात करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा कुछ नहीं है। मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहता हूं।’

इससे पहले जुलाई में भी कांग्रेस विधायकों के एक समूह ने अलग होने और भाजपा में विलय करने का प्रयास किया। उस समय कांग्रेस द्वारा एआईसीसी डेस्क प्रभारी दिनेश गुंडू राव गोवा पहुंचे। उन्होंने विधायकों के साथ बैठक की। इसके बाद यह योजना विफल हो गई। राष्टपति चुनाव से पहले उन्हें पाला बदलने से रोक दिया गया।

एक कांग्रेसी विधायक ने कहा, “उस समय अलग हुए समूह को सात विधायकों का समर्थन था। आठवें को मनाने का प्रयास विफल रहा।”

भाजपा ने दावा किया है कि विधायकों ने स्वेच्छा से पार्टी आलाकमान से संपर्क किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सदानंद शेत तनवड़े ने कहा, “जब वे फिर से एक साथ आए और केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क किया तो केंद्रीय नेतृत्व ने हमें इसकी जानकारी दी।”

उन्होंने कहा, ‘बीजेपी केंद्र और राज्य दोनों जगह अच्छे तरीके से काम कर रही है। इसलिए देश भर में बड़ी संख्या में विभिन्न पार्टियों के लोग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।”

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com