बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड का गठबंधन रहे या टूट जाए, लेकिन ये तय हो चुका है कि दोनों दलों के रिश्ते सहज नहीं हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आरसीपी सिंह (रामचंद्र प्रसाद सिंह) का जिक्र करते हुए सोमवार को सीधे तौर पर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला जदयू का नहीं, बल्कि भाजपा का था। ललन सिंह ने कहा कि इस बात को खुद आरसीपी सिंह ही स्वीकार कर चुके हैं। उन्होंने इस प्रकरण का जिक्र करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी नाम लिया।
भाजपा की मर्जी से आरसीपी सिंह बने मंत्री
ललन सिंह ने कहा कि जदयू की ओर से मंत्री कौन होगा? यह तय करने का अधिकार भाजपा को कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह ने खुद बताया था कि अमित शाह ने उनको ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर सहमति होने की बात कही थी। अमित शाह से खुद को मंत्री बनाए जाने की बात करने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी जानकारी दी। इसकी जानकारी उनको भी थी। जब उन्होंने खुद ही मंत्री बनने का फैसला कर लिया, तो पार्टी ने इसे स्वीकार किया।
नीतीश कुमार के फैसले पर पार्टी कायम
ललन सिंह ने कहा कि उनकी आशंका सही थी और इसे खुद आरसीपी सिंह के बयान ने क्लीयर कर दिया। जदयू की ओर से नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर पहले ही एक फैसला लिया था। पार्टी अधिक भागीदारी चाहती थी। इस फैसले में आज भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। जदयू अध्यक्ष सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनका दल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने जा रहा है। ललन सिंह के बयान और अंदाज से साफ है कि जदयू में भाजपा के प्रति सब कुछ बिल्कुल सकारात्मक नहीं है।