मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव के बाद भारतीय जनता पा्टी को 3 नगर निगम में हार झेलनी पड़ी है। जबकि सात सीटों पर उन्हें जीत हासिल हुई है। 3 सीटों पर कांग्रेस जीती है और एक सीट आम आदमी पार्टी ने हासिल की है। एक खास बात यह भी है कि राज्य में पहली बार आम आदमी पार्टी ने मेयर का चुनाव जीता है।

निकाय चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि हाल ही में हुए पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली है। उन्होंने कहा, ”आमतौर पर नगर पंचायत चुनाव में प्रदेश में बराबरी की स्थिति रहती थी, लेकिन इस बार नगर पंचायत एवं नगर परिषद की 80 प्रतिशत से ज्यादा सीटें भाजपा ने हासिल की हैं।”
36 नगरपालिका में से 27 में भाजपा ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है, जबकि कांग्रेस को सिर्फ चार में बहुमत मिला है। सीएम ने कहा है कि बाकी पांच जगहों में हम निर्दलीय के साथ मिलकर नगरपालिका सरकार बनाने का प्रयास करेंगे।
नगर निगम का हाल
भोपाल की कुल 85 में से 58 पर भाजपा का कब्जा हुआ है, जबकि 22 कांग्रेस के खाते में गई है। इंदौर में 64 पर भाजपा ने कब्जा जमाया और 19 कांग्रेस के हाथ लगी। ग्वालियर में नगर निगम की 66 में से 34, जबलपुर में 44, खंडवा में 28, बुरहानपुर में 19 सीटें भाजपा के हाथों में गई हैं। छिंदवाड़ा में भाजपा को झटका लगा। यहां कि 48 सीटों में से भाजपा को सिर्फ 18 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस के खाते में 26 सीटें गई हैं।
उज्जैन में भाजपा को कुल 54 वार्ड में से 37 में जीत मिली है जबकि कांग्रेस को 17 में सफलता मिली है। सागर में भाजपा की बड़ी जीत हुई है। यहां 48 में से 40 वार्ड सदस्य भाजपा के चुने गए हैं। कांग्रेस के 07 और अन्य के खाते में 01 सीट गई है। इसी तरह सिंगरौली में कुल 45 वार्ड में से 23 में भाजपा ने पताखा लहराया है जबकि 12 में कांग्रेस और यहां अन्य को 10 सीटें मिली हैं। सतना में भाजपा को 20, कांग्रेस को 19 और अन्य के खाते में 06 सीटें गई हैं।
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