छत्तीसगढ़ में कोयले में गोलमाल के खेल की लगातार मिल रही शिकायतों पर राज्य सरकार भी सक्रिय हो गई है। पांच विभागों की संयुक्त टीमों ने तीन जिलों के कोयला कारोबारियों के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई शुरू की। जिन कारोबारियों के ठिकानों की जांच चल रही है उनमें कोरबा स्थित इंडस उद्योग प्राइवेट लिमिटेड के मालिक सूर्यकांत तिवारी, जांजगीर के क्लीन कोल बलोदा के अंशु जैन, बिलासपुर के हिंद एनर्जी गतोरा, हिंद एनर्जी हिंडाडीह, हिंद मल्टी एनर्जी के राजेश अग्रवाल व सत्या पावर कोल के मालिक रूपेश अग्रवाल शामिल हैं। इनके कुल 19 ठिकानों पर प्रशासन की टीम जांच कर रही है। शाम चार बजे शुरू हुई कार्रवाई रात तक चलती रही। जांच के दौरान दो स्थानों पर निर्धारित से अधिक स्टाक मिलने और जीएसटी के हिसाब में भी गड़बड़ी मिलने की चर्चा है।
खनिज, पर्यावरण संरक्षण मंडल, नापतौल, जीएसटी व राजस्व विभाग के अलावा पुलिस के अधिकारी व जवानों समेत करीब 50 अधिकारी- कर्मचारी कारोबारियों के ठिकानों के लिए रवाना हो गए। किसी को यह जानकारी नहीं दी गई थी कि कहां जाना है। सबके एकत्र होने और पूरी तैयारी के बाद कोयला कारोबारियों के प्रतिष्ठानों में दबिश देने की जानकारी दी गई। अफसर एक साथ 12 से 15 गाड़ी में कोलवाशरी पहुंचे। कार्रवाई का नेतृत्व पोड़ी उपरोड़ा के एसडीएम नंदजी पांडेय कर रहे हैं।
इन शिकायतों पर हुई कार्रवाई
सूत्र बता रहे हैं कि कोयले के स्टाक में गड़बड़ी, भूमि संबंधी दस्तावेजों में कमियां, पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन, वेब्रिज के कैलिब्रेशन में अंतर आदि शिकायत मिलने पर रायपुर के शीर्ष अधिकारियों के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। प्रशासन की टीम में शामिल पर्यावरण संरक्षण मंडल के अंकुर साहू का कहना था कि जांच पूरी होने के बाद ही संपूर्ण जानकारी दी जा सकती है।