Friday , December 26 2025

2025 में मुक्त व्यापार समझौते की ऐतिहासिक उपलब्धि से भारत-ब्रिटेन संबंधों को मिली नई गति

भारत और ब्रिटेन के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते पर पिछले चार वर्षों से काम जारी था और यह 2025 में आकार ले सका। इसके साथ ही व्यापार और निवेश से आगे द्विपक्षीय संबंधों को नयी ऊर्जा देने के लिए ‘विजन 2035’ समझौते पर भी सहमति बनी। मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर वार्ताएं वर्ष केज्यादातर समय सुर्खियों में रहीं। दोनों पक्ष समझौते को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध दिखे और जुलाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान इस पर औपचारिक हस्ताक्षर किए गए। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में अपना एक वर्ष पूरा करने वाले कीअर स्टार्मर ने लंदन के पास अपने ग्रामीण आवास ‘चैकर्स’ मेंमोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और चाय पर द्विपक्षीय बातचीत की। स्टार्मर ने कहा, “हमने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया है।” उन्होंने अक्टूबर में अब तक के “सबसे बड़े ब्रिटिश व्यापार प्रतिनिधिमंडल” के साथ भारत यात्रा का निमंत्रण भीस्वीकार किया। ब्रिटेन के व्यापार एवं वाणिज्य विभाग (डीबीटी) के विश्लेषण के अनुसार, व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) लागू होने पर द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 44.1 अरब पाउंड से बढ़कर 25 अरब पाउंड से अधिक हो सकता है। उम्मीद है कि 2026 की पहली छमाही में समझौते को ब्रिटिश संसद की मंजूरीमिल जाएगी। स्टार्मर ने संसद में कहा, “भारत वैश्विक मंच पर एक उभरती ताकत है और 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।” उच्चस्तरीय द्विपक्षीय संपर्कों से भरे इस वर्ष में दोनों देशों ने ‘महत्वाकांक्षी और भविष्य-उन्मुख’ 10 वर्षीय ‘भारत-ब्रिटेन विजन 2035’ रोडमैप को भी रेखांकितकिया, जो विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग और नवाचार के रणनीतिक लक्ष्य तय करता है। ब्रिटेन के उच्च शिक्षा क्षेत्र की भारत में बढ़ती मौजूदगी भी नए साल से फलीभूत होगी। कम से कम नौ ब्रिटिश विश्वविद्यालय भारत में अपने विदेशी परिसरों को अंतिम रूप दे रहे हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की भारतीय मांग को पूराकिया जा सकेगा। इसे ब्रिटेन की कड़ी आव्रजन नीति के बीच एक सकारात्मक संतुलन के रूप में देखा जा रहा है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, अध्ययन वीजा पर करीब 45,000 भारतीय और कामकाजी वीजा पर 22,000 पेशेवर देश से बाहर गए, जिससे वहां शुद्ध आव्रजन में कमी आई। स्थायी निवास के लिए प्रतीक्षा अवधिको बढ़ाकर 10 वर्ष करने जैसे सख्त नियमों से यह रुझान आगे भी बना रह सकता है। उच्च कर व्यवस्था के चलते कुछ अरबपतियों ने देश छोड़ दिया। आर्सेलरमित्तल के संस्थापक लक्ष्मी एन. मित्तल सहित कई अमीर उद्योगपति कम-कर वाले देशों में स्थानांतरित होने की तैयारी में हैं। यह वर्ष कई मायनों में एक युग के अंत काभी साक्षी बना। ब्रिटेन-स्थित भारतीय मूल के कई दिग्गज उद्योगपतियों का निधन हुआ, जिनमें होटल कारोबारी जोगिंदर सांगर, हिंदुजा समूह के सह-अध्यक्ष जी.पी. हिंदुजा, कैपारो समूह के संस्थापक लॉर्ड स्वराज पॉल और अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई शामिल हैं। भारत-ब्रिटेन संबंधों में आतंकवाद के खिलाफ साझाप्रतिबद्धता भी प्रमुख रही। नवंबर में दिल्ली में हुए आतंकी हमले पर ब्रिटेन ने संवेदना जताई और अप्रैल में कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद कूटनीतिक समाधान का आह्वान किया। इस वर्ष अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की उड़ान दुर्घटना ने भी दोनों देशों को झकझोर दिया। इस हादसे में 242 में से 241 लोगों कीमौत हुई। जांच भारत में जारी है। इसी बीच, भारत में वांछित भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण से जुड़े कानूनी मामलों पर भी सुनवाई जारी रही। विजय माल्या जमानत पर बाहर हैं, जबकि नीरव मोदी की अपील मार्च तक टल गई है। ब्रिटेन ने खालिस्तान समर्थक संगठन बब्बर खालसा की फंडिंग रोकने के लिए अपने घरेलूआतंकवाद-रोधी कानून का भी पहली बार इस्तेमाल किया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com