महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के मामले में मूर्तिकार जयदीप आप्टे को बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। यह कल्याण से की गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस आप्टे की तलाश कर रही थी। उसके द्वारा बनाई गई मूर्ति उद्घाटन के नौ महीने से भी कम समय में ढह गई थी।
पुलिस ने उसकी तलाश के लिए सात टीमें गठित की थीं। मूर्ति गिरने के बाद मालवन पुलिस ने आप्टे, उसके सहयोगी चेतन पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पाटिल को पिछले सप्ताह कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने अपना काम किया
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि जो लोग हमारी सरकार के आलोचक थे, उन्हें अब अपना मुंह बंद कर लेना चाहिए। यह सच है कि पुलिस ने आप्टे को गिरफ्तार करने में थोड़ा समय लिया। हम गिरफ्तारी का कोई श्रेय नहीं ले रहे हैं, लेकिन पुलिस ने अपना काम किया।
पांच सदस्यों की एक संयुक्त तकनीकी समिति ने की जांच
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पांच सदस्यों की एक संयुक्त तकनीकी समिति ने बुधवार को दिन में किले का दौरा कर साइट की जांच की। पुलिस ने मूर्ति के लिए उपयोग की गई सामग्रियों के साथ ही उस मंच के नमूने भी फोरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं, जिस पर वह खड़ी थी।
इस बीच आप्टे की गिरफ्तारी के बाद फिर से राज्य में राजनीति तेज हो गई है। राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने आरोप लगाया है कि प्रतिमा के निर्माण पर केवल 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि राज्य के खजाने से इस काम के लिए 236 करोड़ रुपये लिए गए थे।
शिवसेना ने कही ये बात
मुख्यमंत्री शिंदे के इस आरोप पर कि विपक्ष मूर्ति ढहने की घटना का राजनीतिकरण कर रहा है, पटोले ने कहा कि शिवाजी महाराज के अपमान के खिलाफ गुस्सा निकालना मामले का राजनीतिकरण नहीं कहा जा सकता। दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने कहा कि राज्य सरकार को आप्टे को गिरफ्तार करने का श्रेय लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह सरकार का कर्तव्य है। वह कोई अंडरवर्ल्ड डान नहीं था।
GDS Times | Hindi News Latest News & information Portal