Monday , September 30 2024

अमेरिका की चेतावनी के बावजूद साथ आए चीन और रूस, नाटो मीटिंग के बाद सैन्य अभ्यास की शुरुआत

नाटो की मीटिंग के बाद अब रूस ने चीन के साथ सैन्य अभ्यास करने का फैसला लिया है। रूस चीन के दक्षिणी तट के करीब जिनपिंग की नौसेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहा है। नाटो सहयोगियों की तरफ से बीजिंग को यूक्रेन में युद्ध का समर्थक कहे जाने के कुछ दिनों बाद, चीन और रूस की नौसेना बलों ने रविवार को दक्षिणी चीन में सैन्य बंदरगाह पर एक संयुक्त अभ्यास शुरू किया।

नाटो मीटिंग में अमेरिका ने रूस के चीन के साथ आने के फैसले की आलोचना की थी। अमेरिका ने कहा था, अगर रूस -चीन के साथ संबंध बढ़ाता है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों पक्षों की सेनाओं ने हाल ही में पश्चिमी और उत्तरी प्रशांत महासागर में गश्त की है और इस ऑपरेशन का अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थितियों से कोई लेना-देना नहीं है और किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाया गया है।

सुरक्षा खतरों को संबोधित करेगा अभ्यास

जानकारी के लिए बता दें कि ये अभ्यास जुलाई के मध्य तक चलने की उम्मीद है, इसका उद्देश्य सुरक्षा खतरों को संबोधित करने और वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर शांति और स्थिरता बनाए रखने में नौसेना की क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। इसमें मिसाइल रोधी अभ्यास, समुद्री हमले और वायु रक्षा शामिल हैं। चीनी और रूसी नौसैनिक बलों ने झानजियांग शहर में उद्घाटन समारोह के बाद ऑन-मैप सैन्य सिमुलेशन और सामरिक समन्वय अभ्यास किया।

चीन के ताजा तनाव के बाद हुआ अभ्यास

यह संयुक्त अभ्यास पिछले सप्ताह नाटो सहयोगियों के साथ चीन के ताज़ा तनाव के बाद हुआ। यह ऐलान तब हुआ जब नाटो नेताओं ने अमेरिका में मीटिंग की ताकि वह यूक्रेन के पक्ष में समर्थन जुटा सकें।  यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी सदस्य और इंडो-पैसिफिक में उनके साझेदार रूस और उसके एशियाई समर्थकों, विशेषकर चीन से साझा सुरक्षा चिंताओं को तेजी से देख रहे हैं। बता दें कि अब रूस के बाद चीन नाटो की आलोचना का मुख्य बिंदु बनता जा रहा है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com