प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने ओल्ड लिपुलेख के पास से कैलाश के दर्शन किए हैं। 18 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर कैलाश के दर्शन करने के बाद मंत्री ने शिव भक्तों को संदेश दिया है कि महादेव के निवास कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए अब उन्हें चीन जाने की आवश्यकता नहीं है।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज पिथौरागढ़ भ्रमण के तहत धारचूला, गुंजी नाभीढांग (ओम पर्वत) होते हुए सोमवार को जोलिंगकोंग पहुंचकर ओल्ड लिपुलेख पास की चोटी पर पहुंचकर भगवान शिव के निवास कैलाश के दर्शन कर पूजा अर्चना की। वह प्रदेश के पहले ऐसे मंत्री हैं, जिन्होंने पिथौरागढ़ स्थित ओल्ड लिपुलेख पास की 18,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर कैलाश के दर्शन किए हैं।
उन्होंने संदेश दिया कि अब भक्तों को चीन जाने की जरूरत नहीं है, वह भारत भूमि उत्तराखंड में आकर भी कैलाश के भव्य और दिव्य दर्शन कर सकते हैं। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी और पूर्व कैबिनेट मंत्री अमृता रावत भी मौजूद रहीं।महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 12 अक्तूबर की सुबह जब से आदि कैलाश के दर्शन किए, तब से बड़ी संख्या में शिव भक्त जोलिंगकोंग पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी यहीं से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योगाभ्यास कर योग के महत्व को बताया।
उन्होंने कहा कि 2019 से कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद होने के कारण शिव भक्त कैलाश पर्वत के दर्शन नहीं कर पा रहे थे। इसलिए सरकार ने तय किया कि वह ओल्ड लिपुलेख पास से उन्हें कैलाश के दर्शन करवाएगी। ओल्ड लिपुलेख पास की पहाड़ी के ऊपर से पवित्र कैलाश पर्वत के दिव्य दर्शनों के दौरान महाराज के साथ भारतीय सेना, आईटीबीपी और पुलिस के कई जवान भी मौजूद थे।
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