चक्रवात रेमल के कारण असम में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ के कारण नौ जिलों के दो लाख से अधिक लोग प्रभावित है। मंगलवार से अब तक करीब छह लोगों की मौत हो गई है। राज्य का 3238.8 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न हो गया है। जबकि, 2,34,535 पशु प्रभावित हुए हैं। कई जगहों में ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों के साथ-साथ उनकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
इन नौ जिलों के हालात खराब
रेमल के कारण नागांव, करीमगंज, हैलाकांडी, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, कछार, होजई, गोलाघाट, कार्बी आंगलिंग और दीमा हसाओ जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। मेघालय के लुम्स्लम क्षेत्र में भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-6 का 20 मीटर हिस्सा बह गया है। इस वजह से कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों का राज्य के अन्य हिस्सों और पूर्वोत्तर क्षेत्र से सड़क संपर्क टूट गया है। कई वाहन फंसे हुए हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा 1,12,246 लोग कछार में प्रभावित हैं। वहीं, करीमगंज में 37,000, होजाई में 22,058 और हैलाकांडी में 14,308 लोग प्रभावित हैं।
जानकारी के अनुसार, 35,640 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने 110 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। शरणार्थियों में सबसे अधिक 19,646 लोग होजाई में और कछार में 12,110, हैलाकांडी में 2060 और करीमगंज में 1,613 लोग प्रभावित है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां
बराक घाटी और दीमा हसाओ के कुल चार जिलों में जनजीवन ठप्प हो गया है। गुरुवार को अन्य प्रभावित जिलों से रुक-रुक कर बारिश और आंधी की खबरें आई हैं। करीमगंज, कछार और हैलाकांडी जिलों में बराक नदी और उसकी सहायक नदिया, जैसे- लोंगई, कुशियारा, सिंगला और कटखाल कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इससे लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। करीमगंज में चार तटबंध क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
आईएमडी की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात रेमल के प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम मानसून निर्धारित समय से पहले ही असम समेत पूर्वी क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है। आईएमडी ने अगले दो दिनों में गोलपारा, बोंगाईगांव, सोनितपुर, विश्वनाथ, डिब्रूगढ़, करीमगंज, कछार, हैलाकांडी, दीमा हसाओ, धुबरी और दक्षिण सलमारा जिलों में भारी वर्षा और आंधी की चेतावनी दी है।
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