पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में लगातार तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी है। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्र में भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए रविवार को पीओजेके में पाकिस्तानी सैन्य रेंजरों को तैनात किया गया।
दरअसल, यह फैसला अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) के आह्वान पर लिया गया है। गुस्साए लोग बढ़ते बिजली बिलों और करों के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है। शुक्रवार को मीरपुर में प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसाक झड़प हुई, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए।
इस बीच, द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, भिम्बर, मीरपुर और बाग टाउन सहित पीओजेके के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं निलंबित होने के बाद कई क्षेत्रों में मोबाइल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा, एएसी के केंद्रीय नेतृत्व ने विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं से खुद को अलग कर लिया है। एएसी सदस्यों में से एक साजिद जगवाल ने कहा कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वे दो दिन से बैठे हैं और कोई घटना नहीं हुई है।
एआरवाई न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ क्षेत्र में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाएंगे। इससे पहले, पीएम शरीफ ने रविवार को भी पीओजेके के प्रधानमंत्री से बात की थी और क्षेत्र में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के पदाधिकारियों को शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए एक्शन कमेटी के नेताओं के साथ जुड़ने का निर्देश दिया था।
शहबाज शरीफ ने कहा है कि वह इसके बारे में चिंतित हैं और कानून को अपने हाथ में लेने और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डॉन की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में चल रहे विरोध प्रदर्शन और शटडाउन हड़ताल के दौरान हुई हिंसक झड़पों में कम से कम एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए।
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