कुछ लोगों को लगता है कि सिगरेट के मुकाबले हुक्का पीना सेफ ऑप्शन होता है, तो आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं। धूम्रपान को कोई भी ऑप्शन किसी से कम नहीं। हर एक के अपने नुकसान हैं। हालांकि शहरों के मुकाबले गांवों में हुक्का पीने का कल्चर ज्यादा देखने को मिलता है, लेकिन धीरे-धीरे महानगरों में भी ये ट्रेंड देखने को मिल रहा है।
हुक्का या सिगरेट कौन है ज्यादा नुकसानदायक?
ग्रामीण इलाकों में लोग बीड़ी और हुक्का पीते हैं, लेकिन 30 मिनट हुक्का पीने से आप दिल से जुड़ी बीमारियों को दावत दे रहे हैं, ये जान लें। सिगरेट में तो फिर भी फिल्टर लगा होता है, लेकिन बीड़ी हो या हुक्का इन दोनों में ये ऑप्शन नहीं होता, जिस वजह से ये ऑप्शन और ज्यादा खतरनाक होते हैं। हुक्का पीने का एक सेशन आपकी हार्ट बीट को बढ़ा सकता है। एक स्टडी के अनुसार, हुक्के का धुआं सिगरेट के धुएं से डेढ़ गुना ज्यादा नुकसानदायक होता है। इसके अलावा इसे पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, धमनियां कठोर होने लगती हैं, जिससे हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे हुक्का है ज्यादा खतरनाक?
नॉर्मली सिगरेट पीने वाले 40-75 मिलीलीटर का लगभग 8-12 कश लेते हैं। मतलब एक वक्त में 5 से 7 मिनट का समय धूम्रपान में जाता है। वहीं दूसरी ओर साधारण हुक्का का सेशन पूरे 30 से 60 मिनट तक चलता है। बातचीत, मौज- मस्ती में ये सेशन और भी लंबी खीच सकता है, तो यहीं देख लीजिए कि किस कदर आप धुएं को सांसों के जरिए बॉडी में इनहेल कर रहे हैं। इससे लंग्स और तेजी से डैमेज हो सकते हैं। साथ ही एसिडिटी की भी समस्या लगातार बनी रहती है। लंबे समय तक कोई भी प्रॉब्लम बने रहने से और कई दूसरी बीमारियां शुरू हो जाती हैं। इसलिए जान लें कोई भी ऑप्शन सेफ नहीं।
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