उत्तराखंड में अब चीनी और एक किलो नमक 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ दिया जाएगा। उत्तराखंड सरकार की ओर से तैयारी की जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से बजट मिलने पर यह सुविधा शुरू हो जाएगी। फ्री राशन को लेकर भी सरकार प्लान कर रही है। उत्तराखंड के अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) से जुड़े 13.75 लाख परिवारों को दो किलो चीनी और एक किलो नमक 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ दिया जाएगा।
खाद्य विभाग ने इस योजना में सब्सिडी का फार्मूला तैयार कर लिया है। इसे मंजूरी के लिए आगामी कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने विभागीय समीक्षा करते हुए अधिकारियों को इस योजना का कैबिनेट नोट तैयार करने के निर्देश दिए। यमुना कालोनी स्थित कैंप आफिस में आर्या ने विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।
बैठक के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत में आर्या ने कहा कि सरकार प्रदेश के हर गरीब और जरूरतमंद परिवार के लिए भोजन की कमी नहीं रहना देना चाहती। केंद्र सरकार ने एनएफएस के तहत मिलने वाले प्रति यूनिट पांच किलो अनाज को मुफ्त कर दिया है। रसोई को पूर्ण करने के लिए अब राज्य सरकार भी चीनी और नमक को रियायती मूल्य पर उपलब्ध कराने जा रही है।
इससे पहले अंत्योदय परिवारों को एक साल में तीन मुफ्त गैस सिलेंडर देने की योजना शुरू की जा चुकी है। आर्या ने बताया कि राशन डीलर और उपभोक्ता के सामने आ रही बॉयोमेट्रिक मशीन की समस्या के हल के लिए निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अच्छी गुणवत्ता के लैपटॉप और ई-पॉज मशीन लगाए जाने को भी कहा है। बैठक में सचिव खाद्य ब्रजेश संत ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी। इस दौरान अपर आयुक्त पीएस पांगती, आरएमओ सीएम घिल्डियाल आदि भी मौजूद रहे।
केंद्र से बजट मिलते ही डीलर को लाभांश का भुगतान होगा
राशन डीलर के लाभांश को लेकर भी खाद्य मंत्री ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि एनएफएसए के तहत दिए जाने वाले खाद्यान्न का लाभांश केंद्र सरकार के स्तर से जारी किया जाता है। पूर्व में राज्य सरकार ने अपने स्तर से धन जारी कर दिया था। अब केंद्र सरकार से लाभांश को जल्द से जल्द जारी करने का अनुरोध किया जा रहा है। केंद्र से बजट आते ही मार्च 2023 के बाद का लाभांश जारी कर दिया जाएगा।
प्रदेश के प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को बुनियादी अवश्यकताओं को मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। मुफ्त गैस सिलेंडर के बाद रियायती चीनी-नमक येाजना को लाया जा रहा है। आगे भी जीवन से जुड़ी अन्य बुनियादी जरूरतों को रियायती मूल्य पर पहुंचाया जाएगा।