प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भीलवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने समाज के हर उपेक्षित एवं वंचित तबके को सशक्त करने का प्रयास किया है और वह ‘वंचितों को वरीयता’ मंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है। पीएम मोदी भीलवाड़ा जिले के मालासेरी में लोक देवता भगवान श्री देवनारायण के अवतार महोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के गुर्जरों को भी साधने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का हमारा गुर्जर समाज शौर्य, पराक्रम और देशभक्ति का पर्याय रहा है। राष्ट्र रक्षा हो या संस्कृति की रक्षा… इस समाज ने हमेशा देश के प्रहरी की भूमिका निभाई है। हमारे गुर्जर समाज की नई पीढ़ी भगवान देवनारायण के संदेशों और शिक्षाओं को आगे बढ़ाएं।
राजस्थान धरोहरों की धरती है… यहां सृजन है, उत्साह और उत्सव है, परिश्रम और परोपकार है… शौर्य यहां घर-घर का संस्कार है। रग और राग राजस्थान के पर्याय हैं। इतना ही महत्व यहां के जन-जन के संघर्ष और संयम का भी है। ये प्रेरणा स्थली भारत के अनेक गौरवशाली पलों की साक्षी रही है। यहां के महापुरुषों, जननायकों, लोकदेवताओं और समाज सुधारकों ने हमेशा ही देश को रास्ता दिखाया है।
बीते दशकों में हुई भूलों को सुधार रहा नया भारत
पीएम मोदी ने कहा कि गुर्जर समुदाय की नारी शक्ति का देश और इसकी विरासत में व्यापक योगदान है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन प्रमुख हस्तियों के योगदान को इतिहास में उचित सम्मान नहीं दिया गया, लेकिन आज का भारत… ‘नया भारत’ बीते दशकों में हुई भूलों को सुधार रहा है और भारत की विरासत की रक्षा करने वाले लोगों को प्रचारित किया जा रहा है।
भारत के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उनको सामने लाया जा रहा है। पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उमीदों से देख रही है। आज भारत डंके की चोट पर अपनी बात कह रहा है, भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता को कम कर रहा है। ऐसी हर बात जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है, उससे हमें दूर रहना है।
उन्होंने कहा कि बीते आठ-नौ वर्षों से देश समाज के हर उस वर्ग को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है, जो उपेक्षित व वंचित रहा है। हम ‘वंचितों को वरीयता’ मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इससे पहले, मोदी ने भगवान श्री देवनारायण के मंदिर में पूजा-अर्चना की और यज्ञ में आहुति दी। मोदी शनिवार सुबह विशेष विमान से डबोक हवाई अड्डे (उदयपुर) पर पहुंचे थे, जहां से वह हेलीकॉप्टर के जरिये मालासेरी रवाना हुए।