बढ़ता कोहरे और ठंड का सितम बच्चों पर कहर ढ़ा रहा है। सर्द मौसम और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से बच्चे तेजी से विंटर डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। यूपी के सरकारी और निजी अस्पतालों में इससे पीड़ित बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। चिकित्सकों का कहना है कि बदलते मौसम का असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है। कडा़के की सर्दी से बच्चों को बचाना जरूरी है। बच्चों में निमोनिया भी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। जरासी लापरवाही भारी पड़ रही है।

वार्ड फुल, अस्पतालों में मरीजों की लाइन
बदलते मौसम में हमें सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। मौसम में थोड़ा बदलाव आते ही बीपी,शुगर, किडनी और हार्ट के मरीजों का मर्ज बढ़ने लगा है। मेडिकल अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या वार्ड, ओपीडी में लगातार बढ़ रही है। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि सर्दी के मौसम में जुकाम बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर लोगों को निशाना बनाता है।
यह होता है विंटर डायरिया
चिकित्सक बताते हैं कि विंटर डायरिया को कोल्ड डायरिया भी कहते हैं। सर्दी में पांच साल तक के बच्चे इसकी चपेट में बहुत तेजी से आते हैं। संक्रमित हाथ, गंदे कपड़े, गीलेपन आदि की वजह से बच्चों में ये डायरिया पैदा हो जाता है। इस मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
जिला अस्पताल के डा. कौशलेंद्र सिंह ने कहा कि ओपीडी में डायरिया और निमोनिया की शिकायत लेकर आ रहे बच्चों की संख्या बढ़ी है। गंभीर लक्षण वाले बच्चों को भर्ती करवाने की व्यवस्था करवाई गई है। ठंड से बचाव की इसका इलाज है।
बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. नवरत्न गुप्ता ने कहा कि शुरुआती सर्दी बच्चों के लिए नुकसानदायक होती है। बच्चों की इम्यूनिटी कम हो जाती है। सांस की नली में संक्रमण और विंटर डायरिया के मामले तेजी से सामने आने लगे हैं।
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